अयोध्या में नौवां भव्य दीपोत्सव, जगमगाती रामनगरी में 29 लाख दीप प्रज्वलित किए गए

(न्यूज़लाइवनाउ-Uttar Pradesh) भगवान श्रीराम की पावन नगरी अयोध्या में इस वर्ष लगातार नौवीं बार दीपोत्सव का ऐतिहासिक आयोजन हुआ। पूरे नगर ने जब 29 लाख दीपों की ज्योति से स्वयं को आलोकित किया, तो दृश्य मानो किसी दिव्य लोक का अनुभव करा रहा था।

राम की पैड़ी से लेकर संपूर्ण अयोध्या तक दीपों की झिलमिलाहट ने ऐसा मनमोहक वातावरण बनाया कि देखने वाले मंत्रमुग्ध हो गए। दीपों से सजी रामनगरी की भव्यता को देख श्रद्धालु और पर्यटक दोनों ही भावविभोर हो उठे।

इस अवसर पर अयोध्या ने एक बार फिर विश्व पटल पर दो नए कीर्तिमान दर्ज किए। पहले रिकॉर्ड के तहत राम की पैड़ी के 56 घाटों पर 26.11 लाख दीपों का प्रज्वलन किया गया। ड्रोन कैमरों से गणना के बाद गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की ओर से स्वप्निल दंगारीकर और निश्चल बरोट ने इस नए रिकॉर्ड की घोषणा की।

साक्षी बने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

यह लगातार नौवां वर्ष है जब अयोध्या ने विश्व रिकॉर्ड बनाया है। इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही, तथा राज्य सरकार के कई मंत्री और भाजपा पदाधिकारी।

दूसरा रिकॉर्ड सरयू आरती से जुड़ा रहा, जिसमें 2100 वेदाचार्यों ने एक साथ भाग लेकर एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत किया। यह रिकॉर्ड योगी सरकार ने दूसरी बार अपने नाम किया।

देश के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालु इस अनुपम क्षण के साक्षी बनने अयोध्या पहुंचे। दीपोत्सव के उपरांत हुई भव्य आतिशबाजी और ड्रोन शो ने आसमान को भी दीपों की तरह जगमगा दिया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामलला के दरबार में दीप प्रज्ज्वलित कर दीपोत्सव की शुरुआत की और उसके बाद सरयू आरती में शामिल हुए। जैसे ही राम दरबार में दीप प्रज्ज्वलन संपन्न हुआ, वैसे ही पूरी अयोध्या 29 लाख दीपों की रोशनी से नहा उठी।

राजतिलक समारोह संपन्न कराया

इस पावन अवसर पर मुख्यमंत्री ने भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मणजी का विधिवत स्वागत कर राजतिलक समारोह भी संपन्न कराया।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण न केवल हमारी आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह 500 वर्षों के संघर्षों का परिणाम भी है। आज अयोध्या विकास, संस्कृति और विरासत का वैश्विक प्रतीक बन चुकी है।

उन्होंने भावुक होकर कहा— “जहां कभी रामभक्तों पर गोलियां चलाई गई थीं, वहीं अब दीपोत्सव के दीप जलाए जा रहे हैं।” दीप प्रज्ज्वलन के बाद जब राम की पैड़ी पर आतिशबाजी हुई, तो आसमान पर राम दरबार की अद्भुत आकृति उकेरी गई, जिसने दीपोत्सव को अविस्मरणीय बना दिया।

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