बॉक्सर पवित्र ने किया था एलान : चाचा! पाकिस्तानी खिलाड़ी से तो जीतूंगी ही
खेल विभाग में बॉक्सिंग कोच व पवित्र की साथी खिलाड़ी ममता यादव भी पूरे समय मैच पर नजरें गड़ाए हुए थीं
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : ‘चाचा पाकिस्तानी खिलाड़ी को तो मैं छोड़ूंगी नहीं, उससे जीतकर ही रहूंगी।’ पवित्र ने फोन पर यह बात कहते हुए अपनी जीत का एलान शुक्रवार रात को ही कर दिया था। चाचा सत्यवान का कहना है कि जैसे पवित्र के इरादे थे, वैसे उसने रिंग में दर्शा भी दिए। रिंग में उतरते ही पवित्र पाकिस्तानी बॉक्सर परवीन रुखसाना पर इस कदर टूट पड़ी कि उसे मुकाबला बीच में ही छोड़ना पड़ा।भारत की पवित्र ने 18वें एशियाई खेलों के 7वें दिन शनिवार को महिला लाइट बॉक्सिंग में 60 किग्रा वर्ग के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई है। क्वार्टर फाइनल में पवित्र का मुकाबला इंडोनेशिया की खिलाड़ी उसैन के साथ होगा। खेल विभाग में बॉक्सिंग कोच व पवित्र की साथी खिलाड़ी ममता यादव भी पूरे समय मैच पर नजरें गड़ाए हुए थीं। ममता यादव ने बताया कि पवित्र इस लय को बरकरार रखती है तो उसे गोल्ड जीतने से कोई नहीं रोक सकेगा।जकार्ता में एशियन गेम्स के बॉक्सिंग रिंग में जहां बेटी पवित्र पाकिस्तानी खिलाड़ी परवीन रुखसाना को पंच मार रही थी, वहीं मां चंद्रकला टीवी के सामने बैठकर बेटी की जीत की दुआ मांग रही थी। सुबह से ही मां चंद्रकला बेटी की जीत के लिए बाबा मुक्तेश्वर महाराज से दुआ कर रही थी।मैच आरंभ होने से पहले ही पवित्र की मां टीवी के सामने बैठ गईं। नीली टी-शर्ट में जब बेटी टीवी पर दिखाई दी तो मां की आंखें झलक पड़ी। साथ बैठे लोगों ने चंद्रकला को बताया कि पवित्र का मुकाबला लाल टी-शर्ट वाली पाकिस्तान की खिलाड़ी से है। चंद्रकला ने छूटते ही कहा कि इससे तो म्हारी पवित्र ही जीतेगी। पवित्र के हर पंच पर मां बस दुआ ही मांग रही थी। रेफरी ने जैसे ही पवित्र का हाथ ऊपर उठाकर जीत की घोषणा की तो मां चंद्रकला और भाई बुद्धराम, सोमदत्त व बिजेंद्र सहित परिवार व गांव का हर व्यक्ति खुशी से उछल पड़ा।कोसली स्थित बॉक्सर पवित्र के घर में सामूहिक तौर पर मुकाबला देखने को अलग-अलग कमरों में दो टीवी लगाए गए थे। दोनों कमरे मैच देखने वालों से खचाखच भरे हुए थे। गांव की बेटी को टीवी पर खेलते हुए देखने के लिए परिजनों के साथ आसपास के लोग 12 बजे ही उनके घर पहुंच गए थे। वहां मौजूद लोग पवित्र जिंदाबाद, भारत माता की जय, बाबा मुक्तेश्वरी की जय के नारे लगा रहे थे। करीब दस मिनट चली फाइट में सभी की निगाहें पवित्र पर टिकी रही।पवित्र की मां चंद्रकला का कहना है कि उसकी बेटी को गुड़ और घी बेहद पसंद है। खेलकर आने के बाद वह गुड जरूर खाती थी। मां ने सीना चौड़ा कर कहा कि मेरी बेटी के गुड़ और घी के मुक्कों के सामने कोई भी नहीं टिक पाएगा।