“विमान के सभी हिस्से रनवे पर गिर जाते हैं। क्या यह क्षमता है ?”- वीके सिंह ने HAL की हालत पर उठाए सवाल

दरअसल, कांग्रेस का आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार ने राफेल करार में रक्षा क्षेत्र की पीएसयू को ऑफसेट अनुंबध देने से इन्कार कर दिया था।

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की क्षमता और स्थिति पर सवाल उठाए हैं। वीके सिंह ने यह सवाल कांग्रेस के दावों के बीच किया है। दरअसल, कांग्रेस का आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार ने राफेल करार में रक्षा क्षेत्र की पीएसयू को ऑफसेट अनुंबध देने से इन्कार कर दिया था। इस मसले पर पुणे में संवाददाताओं से बातचीत में मंत्री ने कहा कि भारतीय वायुसेना की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद जरूरी थी।HAL पर सवाल उठाते हुए वीके सिंह ने कहा, ‘एचएएल की हालत तो देखिए। हमारे दो पायलटों की जान चली गई। माफी चाहूंगा, लेकिन एचएएल का कार्यक्रम साढ़े तीन साल देरी से चल रहा है…केवल 8 वें विमान को नवीनीकृत किया गया है। विमान के सभी हिस्से रनवे पर गिर जाते हैं। क्या यह क्षमता है? वहीं दूसरी तरफ, हम कहते हैं कि एचएएल को काम (राफेल का) नहीं मिल रहा।’ दरअसल, सिंह का यह इशारा फरवरी को बेंगलुरु में मिराज 200 प्रशिक्षक विमान हादसे की ओर था। इस हादसे में दो पायलटों की मौत हो गई थी।गौरतलब है कि कांग्रेस लगातार मोदी सरकार पर उद्योगपति अनित अंबानी की कंपनी को राफेल सौदे में फायदा पहुंचाने का आरोप लगा रही है। इन आरोपों पर वीके सिंह ने कहा, ‘राफेल मामले में फ्रांस ने ऑफसेट अनुबंध के लिए कंपनी चुनने का निर्णय लिया था। ऑफसेट का लक्ष्य उद्योग को बढ़ावा देना था। अगर उनकी कंपनी HAL से संतुष्ट नहीं थी, तो यह उनका निर्णय था। भारत सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं था।’

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