विश्वविद्यालय और कॉलेजों के शिक्षकों को सरकार की तरफ से मिलेगा वैज्ञानिक बनने का मौका

ऐसे शिक्षक जिनके पास पीएचडी के अलावा मेडिकल क्षेत्र में एमएस एमडी और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में एमई एमटेक जैसी डिग्रियां हैं, उन्हें वैज्ञानिक बनने का मौका मिलेगा।





(एनएलएन मीडिया-न्यूज़ लाइव नाऊ) : विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पढ़ाने वाले मेधावी शिक्षकों को अब सरकार वैज्ञानिक बनने का मौका दे रही है। इसके तहत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय एक विशेष स्कीम शुरू कर रहा है, जिसके जरिए टीचर्स एसोसिएशन फॉर रिसर्च एक्सीलेंस (तारे) का नाम दिया गया है इस योजना के बाद 500 शिक्षकों को शोध करने का मौका मिलेगा जो शिक्षक वैज्ञानिक बनने की चाहत रखते हैं और पढ़ाई के बाद शोध के लिए माहौल ना मिल पाने के कारण पीछे रह जाते हैं। ऐसे शिक्षकों को सरकार वैज्ञानिक बनने का मौका दे रही है। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य उच्च शिक्षण संस्थानों आईआईटी एनआईटी व अन्य विश्वविद्यालयों में काम कर रहे मेधावी शिक्षकों को माहौल देना है, जिससे वह वैज्ञानिक बनकर देश के काम आ सकें। उन्होंने बताया कि इस स्कीम के तहत ऐसे शिक्षकों का चयन किया जाएगा जिनके पास पीएचडी के अलावा मेडिकल क्षेत्र में एम एस एम डी और इंजीनियरिंग क्षेत्र में एमी और एक जैसी डिग्रियां है। चयनित किए गए शिक्षकों को शोध के लिए साल भर में ₹5 लाख दिए जाएंगे। डॉक्टर हर्षवर्धन सिंह ने बताया कि इस योजना में 45 साल तक के शिक्षकों को मौका दिया जाएगा और शोध करने के लिए प्रतिवर्ष ₹5 लाख दिए जाएंगे। डॉक्टर सिंह ने कहा कि शोध का विषय शिक्षकों को खुद ही तय करना होगा लेकिन विषय ऐसा होना चाहिए जिससे समाज को फायदा मिले।


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