पिछले तीन साल में सेना की 35 विमान दुर्घटना ग्रस्त हुए जिनमे 14 पायलटों की जान चली गयी. केंद्र सरकार ने बुधवार को संसद में ये जानकारी दी। सरकार ने संसद में बताया कि 2014-15 से सेना के अभी तक 35 एयरक्राफ्ट्स दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं, जिनमें 14 पायलट शहीद हो गए। इन 35 एयरक्राफ्ट्स में 11 हेलिकॉप्टर भी शामिल थे।
बुधवार को सरकार की ओर से रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे ने संसद में इस बारे में लिखित जवाब दिया। साल 2011 से अगर इन आंकड़ों की शुरूआत करें तो भारतीय वायु सेना, थल सेना और जल सेना के 70 एयरक्राफ्ट्स और हेलिकॉप्टर क्रैश हुए हैं, जिनमें 80 से ज्यादा जवान और अन्य लोग मारे गए। यह असामान्य रूप से अभी तक की उच्च दुर्घटना दर है। हादसों में क्रैश हुए विमानों में 30 फाइटर जेट थे, जिनमें देश की सुरक्षा के सबसे दमदार प्रहरी माने जाने वाले करीब 5 सुखोई विमान (ट्विन इंजन) भी शामिल थे।
लिखित जवाब में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि दुर्घटनाओं से बचने के लिए एविएशन सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन की ओर से सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। दुर्घटनाओं से बचने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों को भी चिन्हित किया जा रहा है ताकि इस तरह के हादसों को बड़ा होने से पहले ही टाला जा सके। सेफ प्रैक्टिस और विमानों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी संबंधी आदि को सुनिश्चित करने के लिए दुर्घटना निवारण कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इनमें जोखिम भरे क्षेत्रों की भी जानकारी अधिकारियों से साझा की जा रही है।