हरियाणा पलवल के भूस्वामी किसानों को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ाया मुआवजा

हरियाणा पलवल के भूस्वामी किसानों के लिए बड़ी राहत की बात है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अधिग्रहित जमीन का मुआवजा बढ़ा दिया है। कोर्ट ने जमीन का मुआवजा 506 रुपये प्रति वर्गगज से बढ़ा कर 640 रुपये प्रति वर्गगज कर दिया है। यह मामला 2006 में रिहायशी योजना के लिए हरियाणा के पलवल मे सेक्‍टर 12 की जमीन अधिग्रहण का है। हरियाणा सरकार ने रिहायशी योजना के लिए 165.54 एकड़ जमीन अधिग्रहित की थी।न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति एमएम शांतनगौडर की पीठ ने भूस्वामी किसानों की जमीन का मुआवजा बढ़ाए जाने की मांग स्वीकार करते हुए मुआवजा बढ़ाने का यह फैसला सुनाया है।

इससे पहले किसानों के वकील सोमवीर सिंह देशवाल ने मुआवजा बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि याचिकाकर्ताओं के साथ लगी जमीन की सेल डीड देखिए उसमें जमीन की कीमत 1280 रुपये प्रति वर्ग गज है इस हिसाब से उनकी जमीन की कीमत 506 रुपये प्रति वर्गगज दिया जाना बहुत कम है।हालांकि हरियाणा सरकार ने दलील का विरोध करते हुए कहा कि जिस सेल डीड का हवाला दिया जा रहा है वह भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना जारी होने के बाद फरवरी 2007 की है।

कोर्ट ने दोनों तरफ की दलीलें सुनने के बाद कहा कि अधिग्रहित जमीन के बराबर की जमीन की जो सेल डीडें पेश की गई हैं वो 913 से लेकर 1281 रुपये प्रति वर्गगज के हिसाब से हैं। ज्यादातर सेल डीड 1281 रुपये प्रति वर्गगज की हैं। हालांकि कुछ सेल डीड छोटे क्षेत्र के बारे में है इसलिए क्षेत्र के हिसाब से और विकास के हिसाब से उसमें कुछ कटौती होनी चाहिए।

कोर्ट ने 1280 रुपये प्रति वर्गगज की दर से पेश की गई सेल डीड को आधार बनाते हैं और जमीन का क्षेत्रफल छोटा होने और विकसित होने के आधार पर उसमें से 50 फीसद की कटौती करते हुए इस मामले में मुआवजा 640 रुपये प्रति वर्ग गज की दर से तय कर दिया। कोर्ट ने भूस्वामी किसानों की जमीन का मुआवजा 506 रुपये प्रति वर्गगज से बढ़ाकर 640 रुपये प्रति वर्गगज करते हुए आदेश दिया है कि भूस्वामियों को चार महीने के भीतर बढ़ी हुई दर से मुआवजा दिया जाए।इस मामले में सरकार ने 2006 में जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना निकाली।

भूअधिग्रहण कलक्टर ने अधिग्रहित जमीन की कीमत 16 लाख रुपये प्रति एकड़ लगाई। किसानों की याचिका पर रिफरेंस कोर्ट ने मुआवजा राशि बढ़ाकर 2448396 रुपये प्रति एकड़ कर दी थी। हाईकोर्ट ने रिफरेंस कोर्ट के आदेश को सही ठहराया था। जिसके बाद किसान मुआवजा बढ़ाने की मांग लेकर सुप्रीम कोर्ट आये थे।

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