हरियाणा में स्मॉग: सिरसा में एक युवक की मौत, पानीपत और करनाल में भी हुए हादसे

पानीपत।पूरे हरियाणा में मॉडरेट टू डेंस फॉग में धुआं मिलने के कारण स्मॉग बन गया है। इससे कई इलाकों में विजिब्लिटी 0 हो गई है और असर सड़क परिवहन पर पड़ रहा है। स्मॉग के चलते जहां सोमवार को प्रदेश में विभिन्न जगह एक्सीडेंट्स में कई दर्जन वाहन भिड़ जाने की घटनाओं में 6 लोगों की मौत हो गई और 30 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे, वहीं मंगलवार को दूसरे दिन भी कई जगह हादसाें की सूचनाएं मिली हैं। इनमें से सिरसा में एक हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि बाकी में भी कई लोगों को मामूली चोटें आई हैं। साथ ही एक के बाद एक वाहन टकराते चले गए और लंबी लाइन लग गई। 

दूसरे दिन भी हरियाणा में स्मॉग का कहर, 4 जगह भिड़े वाहन, 1 की मौत

– सिरसा में रोड़ी इलाके में सुरतिया निवासी विजय पुत्र हेमराज की मौत हो गई। वह अपनी बाइक पर कहीं जा रहा था, अचानक उसकी टक्कर एक ट्रैक्टर-ट्राॅली में जा टकराई।
– दूसरी ओर नेशनल हाईवे-9डिंग मोड़ पर सुबह करीब 7 बजे रोडवेज की एक बस और एक ट्रैक्टर-ट्रॉली में टक्कर हो गई। इसके बाद एक-एक करके दो ट्रक और कई अन्य वाहन भी भिड़ते चले गए।
– इसी तरह पानीपत में भी नेशनल हाईवे नंबर 1 पर सुबह फ्लाईओवर पर एक टूरिस्ट बस की ट्रक से टक्कर हो गई। इसकी वजह भी स्मॉग को ही माना जा रहा है। बता दें कि पानीपत सहित प्रदेश के विभिन्न इलाकों में दोपहर करीब 1 बजे तक सड़कों पर स्मॉग की वजह से दिखाई न के बराबर दे रहा था।
]एक के बाद एक ऐसे भिड़े कई वाहन, घंटों खड़े रहे लोग
करनाल में नेशनल हाईवे नंबर 1 पर अलस्सुबह 4 बजे के करीब एक-एक करके कई व्हीकल्स भिड़ गए। हादसे के शिकार शिमला निवासी युवक ने बताया कि वह लुधियाना से दिल्ली जा रहा था। कुछ दिखाई नहीं दे पाने की वजह से आगे चल रही एक कार को फाॅलो करके धीमी-धीमी स्पीड में रोड पर चल रहा था।
– यहां पहले से ही खराब हो जाने के बाद खड़े एक ट्रक पर कोई साइन वगैरह नहीं था। इंडीकेटर वगैरह भी नहीं जल रहे थे, जिसके चलते मुझसे आगे चल रही कार के अचानक ब्रेक लगे तो पीछे से मेरी कार उसमें टकरा गई, वहीं पीछे से आ रहे एक कार चालक, जो पहले से काफी लापरवाही से ड्राइव कर रहा था, ने मेरी कार में टक्कर मार दी। इसके बाद 10 बजे तक उन्हें रोड पर कोई मदद नहीं मिली और घंटों से यहीं खड़े हैं।
 ये है स्मॉग की वजह
– आईएमडी के अनुसार 13 नवंबर को पश्चिमी विक्षोभ वेस्टर्न हिमालयन रीजन में असर दिखा सकता है। तेज हवा चली या बरसात हुई तो इससे राहत मिल सकती है। अमूमन इस तरह का मौसम 10 दिसंबर के बाद होता है। नमी सुबह 100 व दोपहर बाद 68 फीसदी होने से छोटी-छोटी बूंदें आसमान में अटक गई हैं, इससे दृश्यता बहुत कम हो चुकी है।
– इसके अलावा जो फॉग के बाद स्मॉग बना है, इसमें पटाखे व पराली का असर है। दोनों का धुआं इसमें शामिल हो गया है। ऐसे में यह स्मॉग बन गया है।
 सेहत पर भी पड़ेगा असर
– करनाल के गांधी अस्पताल के डॉ. अरुण गांधी के अनुसार इससे सांस संबंधी रोग हो सकते हैं, त्वचा संबंधी बीमारी भी बन सकती हैं। कभी गर्मी, ठंड बढ़ने से निमोनिया, ठंड लगने के रोगी भी बढ़ सकते हैं, इसलिए पूरी बाजू के कपड़े पहनें,घर से दुपहिया वाहन पर निकलें तो हेल्मेट का प्रयोग करें।
 क्या कहते हैं एडीजीपी?
हरियाणा पुलिस के एडीजीपी और अंबाला रेंज के आईजी डॉ. आरसी मिश्रा की मानें तो उन्हें सरकार की तरफ से हिदायत है कि पराली जलाने की शिकायत मिलते ही तुरंत एफआईआर दर्ज की जाए। उन्होंने कुछ लोगों पर मामला दर्ज किया भी है। अब सरकार और पुलिस भले कुछ भी कहती रहे, लेकिन ग्राउंड रियल्टी यही है कि किसानों को न तो सरकार और न ही पुलिस दोनों का ही भय नहीं है।
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