हिमाचल प्रदेशः चुनाव में रिश्तेदार बन रहे दुश्मन

राजनीति रिश्तेदारों, करीबी दोस्तों और सहयोगियों के साथ रिश्ते खट्टे कर सकती है। हिमाचल प्रदेश के आने वाले विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों के साथ ऐसा ही कुछ होता दिखाई दे रहा है। सोलन में कांग्रेस के एक उम्मीदवार के विरोध में उनका दामाद ही खड़ा हो गया है।

 

इस चुनावी जंग में कसुम्पटी सीट पर एक उम्मीदवार अपनी भाभी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ रहा है। जहां सुजानपुर में एक गुरु और चेला चुनावी मैदान में आमने-सामने आ गए हैं, वहीं नगरोटा में दो दोस्त दुश्मन बन गए हैं।



सोलन में कांग्रेस के उम्मीदवार कर्नल धानी राम शान दिल हैं। इनके खिलाफ बीजेपी ने उनके दामाद डॉक्टर राजेश कश्यप को अपना उम्मीदवार चुना है।
शिमला के कसुम्पटी में कांग्रेस ने अनिरुद्ध सिंह को टिकट दिया है। बीजेपी ने इनके खिलाफ लड़ने के लिए विजय ज्योति सेन को टिकट दिया है। विजय ज्योति सेन वीर विक्रम सेन की पत्नि हैं जो अभूतपूर्व स्टेट क्योंथल के राजा की पत्नी हैं।

इस चुनावी लड़ाई में दिलचस्प मोड़ तब आ गया जब वीर विक्रम सेन के छोटे भाई पृथ्वी विक्रम सेन ने यहां से निर्दलीय पर्चा भरा। दिलचस्प बात यह है कि वीर विक्रम सेन और पृथ्वी विक्रम सेन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह के भाई हैं।

हमीरपुर जिले की सुजानपुर सीट पर बीजेपी की ओर से प्रेम कुमार धूमल चुनाव लड़ रहे हैं जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी राजेंद्र सिंह राणा हैं। धूमल को राजेंद्र सिंह राणा का राजनीतिक गुरु माना जाता है।




बीजेपी के कार्यकाल में धूमल ने राणा को अपना मीडिया सलाहकार नियुक्त किया था लेकिन बाद में वे अलग हो गए थे। 2012 के विधानसभा चुनाव में राणा ने सुजानपुर से निदर्लीय चुनाव लड़ा था और 14,166 वोटों से जीते थे।

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