(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : हिमाचल में स्क्रब टायफस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। प्रदेश के अस्पतालों में इस सीजन में अब तक 5794 मामले आए हैं। इनमें 476 लोगों में बीमारी की पुष्टि हुई है, जबकि छह की जान जा चुकी है। जिला हमीरपुर में सर्वाधिक 111 मामले आए हैं। जिला शिमला में 67 लोगों में बीमारी के लक्षण पाए गए हैं।अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य बीके अग्रवाल ने बताया कि सरकार ने अस्पताल प्रशासन, सीएमओ और जिला प्रशासन को अलर्ट जारी कर दिया है। यह बीमारी बरसात में फैलती है। शहरों की अपेक्षा गांवों के ज्यादा लोग इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि घास के बीच पैदा होने वाले माइट (पिस्सु) के काटने से व्यक्ति स्क्रब टायफस की चपेट में आता है।
इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला में अब तक इस बीमारी के कारण चार लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें दो जिला शिमला, एक मंडी के करसोग और एक सिरमौर से मरीज रेफर हुआ था। जिला कांगड़ा और चंबा में भी एक-एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है।कंपकंपी के साथ 105 डिग्री तक हो सकता है बुखार, शरीर में अकड़न महसूस होना,गर्दन, बाजुओं के नीचे और कूल्हों के ऊपर गिल्टियां।शारीरिक स्वच्छता का ध्यान रखें,घर और आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखें अाैर घर के चारों ओर खरपतवार न उगने दें।सोलन 42, ऊना 12, सिरमौर 23, शिमला 67, मंडी 41, कुल्लू 13, कांगड़ा 41, हमीरपुर 111, चंबा 13, बिलासपुर 106 और आईजीएमसी में 7 मामले सामने आए हैं। पिछले छह साल में आईजीएमसी में स्क्रब टायफस से सौ मरीजों की मौत हो चुकी है। वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जनक राज ने बताया कि वर्ष 2013 में सबसे अधिक 26 मरीजों की मौत हुई थी। वर्ष 2015 में 22 और 2017 में 21 ने दम तोड़ा था। इन छह वर्षों के भीतर 3039 केस पॉजिटिव आ चुके हैं।