राजस्व विभाग में रिटायरमेंट के बाद पुन:नियुक्त किए 1200 पटवारियों और कानूनगो की सेवाएं समाप्त करने से कामकाज प्रभावित हो रहा है। पटवार सर्किल में कामकाज ठप है, जनता को ततीमा और अन्य जमीन के कागजात लेने के लिए भटकना पड़ रहा है। प्रदेश सरकार ने विभाग के मुखिया को 4 जनवरी को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को लाने को कहा है।
पूर्व सरकार के कार्यकाल के दौरान सेवानिवृत्त कानूनगो और पटवारियों को मानदेय पर रखा था। रिटायरियों की री-इंप्लायमेंट खत्म करने के बाद अब इन्हें भी बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
एक साथ एक ही विभाग में इतने कर्मचारियों की छुट्टी कर देने से कामकाज प्रभावित हो गया है। पूर्व सरकार के कार्यकाल के दौरान राजस्व विभाग में कानूनगो और पटवारियों के रिक्त पद चल रहे थे। एक पटवारी के पास चार से ज्यादा पटवारखानों का कार्यभार दिया गया था।अगर किसी व्यक्ति को अपने जमीन का ततीमा या जमाबंदी लेनी होती थी तो उन्हें एक महीने तक का इंतजार करना पड़ रहा था। पूर्व सरकार ने रिक्त पद भरने के बजाय राजस्व विभाग से ही सेवानिवृत्त हुए कानूनगो और पटवारियों को फिर से बुला लिया। सरकार की ओर से इनका मानदेय 10 से 12 हजार रुपये फिक्स किया गया।करीब 1200 सेवानिवृत्त कर्मचारी पुन: सेवाएं देने के लिए आए। अब एक साथ इन पटवारियों और कानूनगो को बाहर का रास्ता दिखाए जाने से सर्किल खाली हो गए हैं। लोगों को ततीमा और अन्य जमीन के कागजात के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। यहीं नहीं जमीन की डिमार्केशन तक प्रभावित हो गई है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व तरुण श्रीधर ने कहा कि यह मामला ध्यान में है। 4 जनवरी को सरकार ने कैबिनेट की बैठक होनी निश्चित हुई है। बैठक में इस मामले पर विस्तारपूर्वक चर्चा की जानी है। जनता को परेशानी न हो इसके चलते सरकार कोई न कोई रास्ता निकालेगी।
एक साथ एक ही विभाग में इतने कर्मचारियों की छुट्टी कर देने से कामकाज प्रभावित हो गया है। पूर्व सरकार के कार्यकाल के दौरान राजस्व विभाग में कानूनगो और पटवारियों के रिक्त पद चल रहे थे। एक पटवारी के पास चार से ज्यादा पटवारखानों का कार्यभार दिया गया था।अगर किसी व्यक्ति को अपने जमीन का ततीमा या जमाबंदी लेनी होती थी तो उन्हें एक महीने तक का इंतजार करना पड़ रहा था। पूर्व सरकार ने रिक्त पद भरने के बजाय राजस्व विभाग से ही सेवानिवृत्त हुए कानूनगो और पटवारियों को फिर से बुला लिया। सरकार की ओर से इनका मानदेय 10 से 12 हजार रुपये फिक्स किया गया।करीब 1200 सेवानिवृत्त कर्मचारी पुन: सेवाएं देने के लिए आए। अब एक साथ इन पटवारियों और कानूनगो को बाहर का रास्ता दिखाए जाने से सर्किल खाली हो गए हैं। लोगों को ततीमा और अन्य जमीन के कागजात के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। यहीं नहीं जमीन की डिमार्केशन तक प्रभावित हो गई है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व तरुण श्रीधर ने कहा कि यह मामला ध्यान में है। 4 जनवरी को सरकार ने कैबिनेट की बैठक होनी निश्चित हुई है। बैठक में इस मामले पर विस्तारपूर्वक चर्चा की जानी है। जनता को परेशानी न हो इसके चलते सरकार कोई न कोई रास्ता निकालेगी।