नई दिल्ली
नोटबंदी की सालगिरह से ठीक पहले ब्लैक मनी को लेकर ‘पैराडाइज पेपर्स’ के खुलासे ने भारत में ही नहीं बल्कि विश्व भर में हलचल मचा दी। बाजार नियामक सेबी भी पैराडाइज पेपर्स से हुए खुलासे पर ऐक्शन लेने की तैयारी में है। सेबी विभिन्न सूचीबद्ध कंपनियों और उनके प्रवर्तकों द्वारा कोष की कथित हेराफेरी और कंपनी संचालन में खामी की जांच करेगा। इसमें विजय माल्या से जुड़े प्रवर्तक शामिल हैं।
माल्या का भी नाम
पैराडइज पेपर्स में माल्या का नाम भी शामिल है। वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि माल्या से जुड़ी कुछ इकाइयों की जांच पहले ही सेबी और अन्य एजेंसियां कर रही हैं। अब अगर इंटरनैशनल कॉन्सोर्टियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) द्वारा सार्वजनिक किए गए दस्तावेज में कोई नया खुलासा किया गया है तो उस पर विस्तार से गौर किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि दस्तावेज में अगर सूचीबद्ध कंपनियों और उनसे जुड़ी या उनके प्रवर्तकों के बारे में खुलासा किया जाता है तो यह देखा जाएगा कि कंपनी संचालन या खुलासा नियमों या कोष की हेराफेरी समेत कोई अनियमितता तो नहीं की गई। इस संदर्भ में विस्तृत जांच कर गड़बड़ी का पता लगाया जाएगा।
ऐसे होगी जांच
इस संदर्भ में शेयर बाजार और भारतीय प्रतिभूति एवं विनियमन बोर्ड (सेबी) संबंधित सूचीबद्ध कंपनियों से विदेशों में अगर उनकी तरह कोई इकाई है तो उस बारे में सूचना मांगेगा। उसके बाद उसका संबंधित इकाई की तरफ से की गई सांविधिक और नियामकीय घोषणाओं से मिलान किया जाएगा।
एक अधिकारी ने कहा कि इस मामले में सेबी अन्य नियामकों और सरकारी एजेंसियों से समन्वय करेगा। साथ ही जरूरत पड़ने पर विदेशी नियामकों से जानकारी मांगी जाएगी। पैराडाइज पेपर्स में दुनिया के कुछ ताकतवर लोगों और कंपनियों की विदेशों में गतिविधियों का खुलासा किया गया है।
क्या है पैराडाइज पेपर्स?
नोटबंदी की सालगिरह को ऐंटी ब्लैक मनी डे के तौर पर मनाए जाने से ठीक पहले ब्लैक मनी को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। यह खुलासा जर्मनी के जीटॉयचे साइटुंग नामक उसी अखबार ने किया है जिसने 18 महीने पहले पनामा पेपर्स का खुलासा किया था। 96 मीडिया ऑर्गेनाइजेशन के साथ मिलकर इंटरनैशनल कॉन्सोर्टियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) ने ‘पैराडाइज पेपर्स’ नामक दस्तावेजों की छानबीन की है।
‘पैराडाइज पेपर्स’ में 1.34 करोड़ दस्तावेज शामिल हैं। इस खुलासे के जरिये उन फर्मों और फर्जी कंपनियों के बारे में बताया गया है जो दुनिया भर में अमीर और ताकतवर लोगों का पैसा विदेशों में भेजने में उनकी मदद करते हैं। पैराडाइज पेपर्स लीक में पनामा की तरह ही कई भारतीय राजनेताओं, अभिनेताओं और कारोबारियों के नाम सामने आए हैं।