लंदन में पढ़ाई फ्री कराने के लिए आंदोलन पर उतरे हजारों स्टूडेंट्स

ब्रिटेन के सेंट्रल लंदन में ब्रिटिश संसद के सामने 60 कॉलेजों के 10 हजार से अधिक स्टूडेंट्स ने मार्च निकाला। उन्होंने नारेबाजी करते हुए हवा में रेड फ्लेयर्स छोड़कर विरोध जताया। स्टूडेंट्स थेरेसा मे सरकार से यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में ग्रेजुएशन की पढ़ाई फ्री करने की मांग कर रहे हैं।

भारत से 100 गुना महंगी है ब्रिटेन में ग्रेजुएशन की पढ़ाई

स्टूडेंट्स का कहना है कि अगले हफ्ते संसद में बजट सत्र में सरकार स्टूडेंट्स के लिए मुफ्त एजुकेशन का ऐलान करे। एजुकेशन सभी के लिए होनी चाहिए, केवल संम्पन्न लोगों के लिए नहीं। हमें फ्री एजुकेशन चाहिए और अभी चाहिए। ब्रिटेन में एक स्टूडेंट को अंडर ग्रेजुएट डिग्री के लिए सालाना औसतन 7.74 लाख रु. फीस देनी होती है। 3 साल में 30 लाख रुपए फीस देनी होती है। भारत में सरकारी कॉलेजों में सालाना औसतन फीस 6 से 12 हजार रुपए है।

ब्रिटेन में पढ़ाई दुनिया में सबसे अधिक महंगी है। एक सर्वे के मुताबिक करीब 20% लोगों की आधी सैलरी बच्चों की फीस भरने में खर्च होती है। लंदन सेंट्रल स्कूल की 20 साल की नताशा रायन कहती हैं कि मेरे पैरेंट्स मेरी फीस का खर्च उठाने में असमर्थ हैं। इसलिए मुझे पढ़ाई के साथ जॉब ढूंढ़नी पड़ रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह ब्रिटेन में अब तक का सबसे बड़ा छात्र आंदोलन है। जब इतनी संख्या में स्टूडेंट्स ने एक साथ प्रदर्शन किया है। विपक्षी लेबर पार्टी ने स्टूडेंट्स की मांग का समर्थन किया है। लेबर नेता जेर्मी कॉरबाइन ने कहा है कि सरकार को फ्री एजुकेशन देना चाहिए।

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