चक्रवात ओखी: तेज हवाओं और हाई टाइड्स से मची तबाही

नई दिल्‍ली: केरल में ओखी तूफान के चलते कोल्लानम के लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया। कोच्चि में जगह-जगह पानी भर गया है, जिसकी वजह से पूरा जनजीवन अस्‍त-व्‍यस्‍त हो गया है। चक्रवाती तूफान ‘ओखी’ का कहर जारी है। केरल से तूफान में फंसे 200 से ज्‍यादा मछुआरों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।




ऐसा कोई आंकड़ा अभी सामने नहीं आया है कि कितने मछुआरे और समुद्र में तूफान के बीच फंसे हुए हैं। मौसम विभाग का कहना है कि आज केरल के तट से ऊंची-ऊंची लहरें टकराएंगी। इनकी ऊंचाई 3 से 5 मीटर के लगभग हो सकती है। वहीं लक्ष्यद्वीप में सुबह तेज हवाओं और हाई टाइड्स से तबाही मच गई है।



आईएमडी और महासागर सूचना सेवाओं के लिए भारतीय राष्ट्रीय केंद्र (INCOIS) द्वारा जारी एक संयुक्त बुलेटिन के अनुसार, लक्ष्द्वीप पर केंद्रित गंभीर चक्रवात तूफान के अगले 24 घंटों में तेज होने की संभावना है। द्वीपों के कम से कम 10 स्थानों पर अगले 24 घंटों में 4.8-7.4 मीटर से अधिक ऊंची लहरें उठेंगी। साथ ही भारी बारिश भी होगी।

भारतीय नौसेना, वायुसेना और तटरक्षक बल मिलकर इस संकट की घड़ी में लोगों को बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। सरकारी अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को नौसेना, आईएएफ, तटरक्षक बल, राज्य सरकार और व्यापारी जहाजों द्वारा 218 मछुआरों को बचाया गया।

उन्होंने कहा, बचाव के बारे में जारी एक चेतावनी के बाद जापान के मालवाहक जहाज एम वी एनर्जी ऑर्फ़ियस ने 60 लोगों को बचाया। लेकिन अभी इस बात की कोई पुख्‍ता सूचना नहीं है कि कितने मछुआरे और समुद्र में फंसे हुए हैं। कुछ मछुआरे बुधवार की शाम भी समुद्र में गए थे।

गौरतलब है कि चक्रवात के कारण पड़ोसी देश श्रीलंका में भी सात लोगों की जान गई है, जबकि पांच मछुआरे लापता हैं। केरल और दक्षिण तमिलनाडु के तटीय इलाकों में चक्रवात के कारण भारी बारिश जारी है, जिससे सामान्य जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इधर दक्षिण रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि कन्याकुमारी और नागरकोइल में कुछ रेल सेवाएं रद्द की गई हैं, जबकि कुछ रेलगाड़ियां विलंब से चल रही हैं।

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