ऑस्ट्रेलियाई पर्वतारोही स्टीव प्लेन ने 117 दिन में सात महाद्वीपों की चोटियों पर चढ़ने का बनाया रिकॉर्ड
2014 में एक दुर्घटना में प्लेन को कई गंभीर चोटें आई थीं। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और ठीक होने के बाद अपने साहस और आत्मविश्वास से यह कठिन लक्ष्य प्राप्त किया।
एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): ऑस्ट्रेलियाई पर्वतारोही स्टीव प्लेन (36) ने सोमवार को दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर फतह प्राप्त करते ही नया कीर्तिमान बनाया। प्लेन ने सबसे कम समय में सातों महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों पर चढ़ाई का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। उन्हें अपना यह अभियान पूरा करने में 117 दिन लगे। इससे पहले पोलैंड के जानुस्ज कोचांस्की ने 126 दिनों में सातों चोटियों पर चढ़ने का रिकॉर्ड बनाया था।हिमालयन गाइड्स नेपाल के ईश्वरी पौडेल ने प्लेन के इस रिकॉर्ड की जानकारी दी। पौडेल ने यहां कहा, एवरेस्ट बेस कैंप से आए फोन में बताया गया कि प्लेन अपने दो गाइड के साथ सुबह सात बजे के करीब एवरेस्ट पर पहुंचने में कामयाब रहे। अब वह अपनी टीम के साथ नीचे उतर रहे हैं। पर्थ के रहने वाले प्लेन ने 16 जनवरी को अंटार्कटिका के माउंट विंसन की चढ़ाई से अपना अभियान शुरू किया था।इसके बाद उन्होंने दक्षिणी अमेरिका के माउंट अकांकागुआ, अफ्रीका के माउंट किलीमंजारो, ऑस्ट्रेलिया के माउंट कार्सटेन्स्ज पिरामिड, यूरोप के माउंट एल्ब्रस और उत्तरी अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी डेनाली की चढ़ाई की। उल्लेखनीय है कि 2014 में एक दुर्घटना में प्लेन को कई गंभीर चोटें आई थीं। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और ठीक होने के बाद अपने साहस और आत्मविश्वास से यह कठिन लक्ष्य प्राप्त किया।करीब चार दशक पहले अपने दोनों पैर गंवा देने वाले चीन के जिया बोयु (69) आखिरकार सोमवार को एवरेस्ट फतह करने में कामयाब हो गए। 8,848 मीटर ऊंची चोटी पर पहुंचने के लिए बोयु ने पांचवी बार प्रयास किया था। पहली बार 1975 में एवरेस्ट चढ़ते हुए खराब मौसम और शीतदंश के कारण उनके पैरों ने काम करना बंद कर दिया था। इसके बाद 1996 में ब्लड कैंसर के कारण घुटने से नीचे उनके दोनों पैर काटने पड़े थे।इसके बावजूद उन्होंने अपना साहस और धैर्य खोए बिना 2014, 2015 और 2016 में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर पहुंचने का प्रयास किया था। पिछले साल नेपाल सरकार ने दोनों पैरों से अशक्त और दृष्टिहीनों को एवरेस्ट चढ़ने से प्रतिबंधित कर दिया था। लेकिन मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने यह प्रतिबंध हटा दिया। इसके बाद चोटी पर चढ़ने का परमिट पाने वाले वह पहले दिव्यांग थे। जिया के अलावा न्यूजीलैंड के मार्क इंग्लिश कृत्रिम पैरों से एवरेस्ट पर चढ़ने वाले एकमात्र व्यक्ति हैं। उन्होंने 2006 में यह सफलता हासिल की थी।