केरल की बाढ़ से पीड़ित जनता के लिए आई राहत की खबर, अगले पांच दिन में कम हो सकती है बारिश।
बीते 8 अगस्त से लगातार तीव्र बारिश के चलते सूबे में बीते एक सदी की सबसे खतरनाक बाढ़ आ गई है। अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल बचाव टीमों का फोकस पम्पा नदी के किनारे बसे चेनगन्नूर कस्बे पर है, जहां 5,000 लोग फंसे हुए हैं।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : बाढ़ से प्रभावित केरल के निवासियों के लिए एक अच्छी खबर है। भारतीय मौसम विभाग की मानें तो केरल में अगले पांच दिन तक भारी बारिश होने के आसार बहुत कम ही हैं और धीरे-धीरे बारिश के पूरी तरह कम होने की उम्मीद भी जताई जा रही है। रविवार को किसी भी जिले में रेड या ऑरेंज अलर्ट की भी घोषणा नहीं हुई। बारिश अगर कम होती है तो राज्य में उन इलाकों को पूरी तरह से राहत मिल सकती है, जहां अभी कम जलभराव हुआ है। साथ ही इससे राहत और बचाव कार्य में भी तेजी लाने में मदद मिल सकेगी। बता दें कि करीब 10 दिनों में ही 186 लोग बाढ़ के चलते काल के गाल में समा गए हैं। इनमें से बहुत से लोगों की तो बाढ़ के चलते हुए भूस्खलन में ही जान चली गई। घरों और छतों पर फंसे लोगों को बचाने के लिए सेना, एनडीआरएफ समेत तमाम सरकारी एजेंसियां पूरी तरह से मुस्तैद हैं। इसके अलावा फूड पैकेट्स समेत तमाम तरह की राहत भी लोगों तक पूरी तेजी के साथ पहुंचाई जा रही हैं। बाढ़ के हालात में सुधार को देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से कहा गया, ‘सोमवार को कोलकाता से त्रिवेंद्रम और एर्नाकुलम के लिए दो स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी। सोमवार शाम से रेल सेवाएं शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। सोमवार से ही कोच्चि नवल बेस से कमर्शल फ्लाइट्स का ऑपरेशन शुरू होने की पूरी संभावना जताई जा रही है।’ हालांकि, अब रिलीफ कैंपों में ठहरे करीब 20 लाख लोगों के बीमारियों के शिकार होने का खतरा पैदा हो गया है। बीते 8 अगस्त से लगातार तीव्र बारिश के चलते सूबे में बीते एक सदी की सबसे खतरनाक बाढ़ आ गई है। अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल बचाव टीमों का फोकस पम्पा नदी के किनारे बसे चेनगन्नूर कस्बे पर है, जहां 5,000 लोग फंसे हुए हैं। केरल हेल्थ डिपार्टमेंट में डिजास्टर मैनेजमेंट का काम देखने वाले अनिल वासुदेवन ने कहा कि अथॉरिटीज ने ऐसे तीन लोगों को अलुवा के एक रिलीफ कैंप से अलग कर दिया है, जो चिकनपॉक्स के शिकार थे। केरल में इन दिनों बाढ़ के बीच लाखों जिंदगियां जूझ रही हैं। कोई अपने घर से विस्थापित हो गया, तो इस ‘जलप्रलय’ में किसी का कोई अपना छूट गया। पूरे देश से केरल की मदद के लिए हाथ उठे हैं। इस बीच ऐसी कई तस्वीरें सामने आई हैं, जो जितना खुश करने वाली और राहत पहुंचाने वाली हैं, उतना ही उन्हें देखकर बाढ़ की विभीषिका को भी समझा जा सकता है। इंडियन नेवी ने केरल में रेस्क्यू ऑपरेशन में पूरी ताकत झोंक दी है। लगातार लोगों को एयरलिफ्ट किया जा रहा है और राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। केरल के कोच्चि से बचाई गई एक प्रेग्नेंट महिला ने अस्पताल में बेटे को जन्म दिया। महिला को जिस वक्त हेलिकॉप्टर से बचाया गया, उस वक्त उसे लेबर पेन होना शुरू हो गया था और वॉटर बैग भी लीक होने लगा था। अब मां और बच्चा दोनों सुरक्षित हैं। सुरक्षाबल बचाव कार्य के दौरान बुजुर्ग, महिलाओं और बच्चों पर खास ध्यान दे रहे हैं। उन्हें हर संभव सहूलियत दी जा रही है। कोच्चि के अलुवा में भीषण बाढ़ के बीच फंसे एक चलने-फिरने में असमर्थ मरीज को बचाने के लिए सुरक्षाबलों ने अपनी जान की भी परवाह नहीं की। शनिवार को कोच्चि में बड़े स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। नेवी और वायुसेना जहां एयरलिफ्ट कर लोगों को बचा रहे थे, वहीं जमीन पर कुछ इस तरह बुजुर्गों और मरीजों की जान बचाई गई। केरल में भूस्खलन और बाढ़ से अब तक 324 लोगों की जान जा चुकी है। करीब तीन लाख लोग बेघर हो चुके हैं। तकरीबन ढाई लाख लोगों को 1500 राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। बाढ़ से जूझ रहे केरल में अब हालात धीरे-धीरे सुधर रहे हैं। शुक्रवार और शनिवार को बारिश में कमी के बाद अब सरकार ने सूबे के सभी 14 जिलों से रेड अलर्ट हटा लिया है। 9 अगस्त के बाद यह पहला मौका है, जब रेड अलर्ट हटाया गया है। अंत में बाढ़ की वह ऐतिहासिक तस्वीर जिसने देश-दुनिया के लोगों का दिल जीत लिया है। तस्वीर इडुक्की जिले के चेरुथोनी पुल की है, जहां एक सुरक्षाकर्मी ने बाढ़ में फंसे बच्चे की जान बचाने के लिए खुद की जान की भी परवाह नहीं की। सुरक्षाकर्मी ने बाढ़ में डूबने वाले पुल पर दौड़कर बच्चे को उठाया और वापस आकर उसे गाड़ी में बिठाकर अस्पताल पहुंचाया। कुछ देर बाद ही यह पुल पानी में पूरी तरह डूब गया था। NCMC के मुताबिक राज्य सरकार के अनुरोध पर 6,900 लाइफ जैकेट्स, 3,000 जीवन रक्षक पेटी, 167 टावर लाइट्स, 2100 रेनकोट्स, 1300 गमबूट्स और 153 चेन आरी उपलब्ध कराए गए हैं। कैबिनेट सचिव ने IAF, नेवी और ONGC द्वारा 5 और हेलिकॉप्टरों को रविवार को भेजने के निर्देश दिए हैं। एजेंसी के मुताबिक अब तक विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों की ओर से 3 लाख खाने के पैकेट्स, लाखों लीटर दूध, 14 लाख लीटर पीने का पानी, पानी साफ करने की 150 किट (प्रत्येक की क्षमता 1 लाख लीटर) उपलब्ध कराए गए हैं।