जम्मू में घुसपैठ रोकने को अब भारत करेगा इलेक्ट्रानिक बैरियर का इस्तेमाल।
जमीन, पानी और हवा में एक अदृश्य इलेक्ट्रॉनिक बैरियर होगा, जिससे सीमा सुरक्षा बल (BSF) को घुसपैठियों को पहचानने और मुश्किल इलाकों में घुसपैठ रोकने में मदद मिलेगी।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : पाकिस्तान से घुसपैठ देश की सुरक्षा एजेंसियों के लिए सिरदर्द बनी हुई है। इसे रोकने के लिए भारत ने अब ‘इलेक्ट्रॉनिक दीवार’ खड़ी कर दी है। अब घुसपैठिए न तो सुरंग खोद कर भारतीय सीमा में प्रवेश कर पाएंगे और न ही हवाई रास्ते से। यहां तक कि नदी के रास्ते भी घुसपैठ पर रोक लगेगी। भारत ने जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा के दो हिस्सों में अपनी तरह का यह पहला हाई-टेक सर्विलांस सिस्टम तैयार किया गया है। इसकी मदद से जमीन, पानी और हवा में एक अदृश्य इलेक्ट्रॉनिक बैरियर होगा, जिससे सीमा सुरक्षा बल (BSF) को घुसपैठियों को पहचानने और मुश्किल इलाकों में घुसपैठ रोकने में मदद मिलेगी। गृह मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को जम्मू में दो पायलट प्रॉजेक्ट्स को लॉन्च करेंगे। एक प्रोजेक्ट के तहत जम्मू के 5.5 किमी का बॉर्डर कवर होगा। इस प्रणाली को कॉम्प्रिहेन्शिव इंटिग्रेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम (CIBMS) नाम दिया गया है। CIBMS के तहत कई आधुनिक सर्विलांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा। इसमें थर्मल इमेजर, इन्फ्रा-रेड और लेजर बेस्ड इंट्रूडर अलार्म की सुविधा होगी, जिसकी मदद से एक अदृश्य जमीनी बाड़, हवाई निगरानी के लिए एयरशिप, नायाब ग्राउंड सेंसर लगा होगा जो घुसपैठियों की किसी भी हरकत को भांप कर सुरक्षा बलों को सूचित कर देगा।