राजस्थान में 22 मरीजों में जीका वायरस मिलने से स्वास्थ्य मंत्रालय में अलर्ट

मंत्रालय ने बताया कि राजस्थान में जीका वायरस प्रभावित इलाकों में जांच के लिए अतिरिक्त किट उपलब्ध कराई गई है। ऐसे इलाकों में गर्भवतियों की जांच की जा रही है।

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : राजस्थान में अब तक 22 मरीजों में जीका वायरस की पुष्टि हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि राजस्थान में जीका वायरस के मामले सामने आने के बाद नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल में कंट्रोल रूप स्थापित किया गया है। एक स्पेशल टीम जयपुर भेजी गई है। सेंपल जांच के लिए पुणे की लैब में भेजे गए हैं। प्रधानमंत्री ने भी इस मामले पर रिपोर्ट तलब की है। बिहार में भी जीका वायरस को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। मंत्रालय ने बताया कि राजस्थान में जीका वायरस प्रभावित इलाकों में जांच के लिए अतिरिक्त किट उपलब्ध कराई गई है। ऐसे इलाकों में गर्भवतियों की जांच की जा रही है। मॉनीटिरिंग के लिए समिति गठित की गई है। बिहार सरकार ने जीका वायरस को लेकर अलर्ट जारी किया है। जयपुर में जीका संक्रमित मरीजों में से एक सिवान का रहने वाला छात्र है। उसके परिजनों की भी जांच की जा रही है। एक हफ्ते पहले पुणे की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलोजी लैब की जांच रिपोर्ट में शास्त्री नगर निवासी एक युवक में जीका वायरस की पुष्टि हुई थी। पहले भी शास्त्री नगर की ही 85 वर्षीय बुजुर्ग महिला में जीका वायरस मिला था। 1947 में सबसे पहले युगांडा में मिला था जीका वायरस। एडीज एजिप्टाई मच्छर के काटने से फैलता है। मई 2017 में अहमदाबाद में 3 केस मिले थे। एसएमएस मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर डॉ. रमेश मिश्रा का कहना है कि जीका में कई बार लक्षण नहीं दिखते है। बीमारी बढ़ने पर न्यूरोलॉजिकल और ऑर्गन फेलियर हो सकते हैं। गर्भावस्था के दौरान नवजात में न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर और ब्रेन डैमेज तक हो सकता है। आर्बो वायरस समूह का फ्लेवी वायरस है। जांच की सुविधा जयपुर में नहीं है। पुणे में जांच संभव है।

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