सबरीमाला मंदिर में प्रवेश को जा रही दोनों महिलाएं रेहाना फातिमा और कविता जकाल विरोध के बाद वापस लौटीं।
रेहाना फातिमा और कविता जकाल को श्रद्धालुओं ने सबरीमाला मंदिर में प्रवेश से रोका।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : केरल के विश्व प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में कपाट मासिक पूजा के लिए खोल दिए गए। सुप्रीम कोर्ट ने 12वीं सदी के भगवान अयप्पा के मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगा प्रतिबंध हटा दिया था। केरल सरकार ने कहा है कि हम कोर्ट के आदेश को लागू करेंगे। लेकिन, पूरे राज्य में अदालत के फैसले का विरोध देखने को मिल रहा है। गुरुवार के बाद शुक्रवार को भी महिलाएं मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकीं। शुक्रवार को पत्रकार कविता जक्कल और सोशल एक्टिविस्ट रेहाना फातिमा मंदिर के अंदर प्रवेश नहीं कर सकीं। केरल के आईजी ने कहा- हमने उन्हें हालात के बारे में बताया। अब वो लौट रही हैं। उन्होंने खुद ये फैसला किया है। इसके पहले, मंदिर के एक बेस कैम्प निलक्कल में बुधवार दोपहर कुछ प्रदर्शनकारी जुट गए। ये लोग मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे थे। इनको खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। केरल सरकार की एक मंत्री केके. शैलजा ने सबरीमाला मंदिर के घटनाक्रम पर सवाल उठाए हैं। सबरीमाला मंदिर में प्रवेश की कोशिश करने वाली केरल की महिला अधिकार कार्यकर्ता रेहाना, मंदिर प्रांगण में वो प्रवेश नहीं कर सकीं। सबरीमाला मंदिर के मुख्य पुजारी कंदारारू राजीवारू हालात से परेशान हैं। शुक्रवार को उन्होंने कहा- हमने मंदिर में ताला लगाने और चाबियां सौंपकर जाने का फैसला किया है। मैं श्रद्धालुओं के साथ हूं। इसके अलावा मेरे पास विकल्प भी नहीं हैं। केरल के सबरीमाला मंदिर में दर्शन के लिए गईं पत्रकार कविता जक्कल और सोशल एक्टिविस्ट रेहाना फातिमा मंदिर के अंदर प्रवेश नहीं कर सकीं। केरल के आईजी ने कहा- हमने उन्हें हालात के बारे में बताया। अब वो लौट रही हैं। उन्होंने खुद ये फैसला किया है। पत्रकार कविता जकाल और महिला अधिकार कार्यकर्ता रेहाना फातिमा सबरीमाला मंदिर में जाने की कोशिश कर रहीं थीं। उनके साथ पुलिसकर्मी भी थे।