जवानों की शहादत हमें आतंक को समूल नष्ट करने के लिए निरंतर प्रेरित करेगी : पीएम मोदी

"मोदी ने कहा कि आजादी के इतने लंबे समय तक हम सबको जिस वॉर मेमोरियल का इंतजार था, वह खत्म होने जा रहा है।

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम के 53वें एपिसोड में देश को संबोधित किया। उन्होंने पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि यह शहादत आतंक को समूल नष्ट करने के लिए हमें निरंतर प्रेरित और हमारे संकल्प को मजबूत करेगी। इससे पहले उन्होंने शो से जुड़ा एक ट्वीट किया। इसमें उन्होंने कहा कि आज की मन की बात स्पेशल होगी। बाद में मत कहिएगा कि मैंने आपको पहले नहीं बताया।मोदी ने कहा, “आज मन भरा हुआ है। 10 दिन पूर्व भारत माता ने अपने वीर सपूतों को खो दिया। इन पराक्रमी वीरों ने हमारी रक्षा में खुद को खपा दिया। देशवासी चैन की नींद सो सकें, इसके लिए जवानों ने अपने दिन-रात दे दिए। शहीदों और उनके परिवारों के प्रति चारों तरफ संवेदनाएं उमड़ पड़ी हैं। जो आवेग आपके मन में है, वही भाव हर देशवासी के अंतर्मन में है। विश्व के लोगों के भी मन में है। भारत माता की रक्षा में अपने प्राण न्योछावर करने वाले देश के सभी वीर सपूतों को मैं नमन करता हूं।””देश के सामने आई इस चुनौती का सामना हमें जातिवाद, संप्रदायवाद, क्षेत्रवाद और अन्य मतभेदों को भुलाकर करना है ताकि आतंक के खिलाफ हमारे कदम पहले से कहीं अधिक दृढ़, सशक्त और निर्णायक हों।”मोदी ने कहा कि आजादी के इतने लंबे समय तक हम सबको जिस वॉर मेमोरियल का इंतजार था, वह खत्म होने जा रहा है। मैंने निश्चय किया था कि देश में एक ऐसा स्मारक अवश्य होना चाहिए। मुझे खुशी है कि स्मारक इतने कम समय में यह स्मारक बनकर तैयार हो चुका है। 25 फरवरी को हम सभी देशवासी इस मेमोरियल को सेना के सुपुर्द करेंगे।”
“मुझे विश्वास है कि देशवासियों के लिए राष्ट्रीय सैनिक स्मारक जाना किसी तीर्थस्थल जाने के समान होगा। राष्ट्रीय सैनिक स्मारक स्वतंत्रता के बाद सर्वोच्च बलिदान देने वाले जवानों के प्रति राष्ट्र की कृतज्ञता का प्रतीक है। राष्ट्रीय सैनिक स्मारक का डिजाइन हमारे अमर सैनिकों के अदम्य साहस को प्रदर्शित करता है। राष्ट्रीय सैनिक स्मारक का कॉन्सेप्ट फोर कन्सेंट्रिक सर्किल्स यानी चार चक्रों पर केंद्रित है- अमर चक्र, वीरता चक्र, त्याग चक्र, रक्षक चक्र। जहां उसके जन्म से लेकर शहादत तक का जिक्र है।” “अक्टूबर 2018 में मुझे नेशनल पुलिस मेमोरियल को देश को समर्पित करने का सौभाग्य मिला था। देश को उन पुरुष, महिला पुलिसकर्मियों के प्रति कृतज्ञ होना चाहिए, जो अनवरत हमारी सुरक्षा में जुटे रहते हैं। मैं आशा करता हूं कि आप राष्ट्रीय सैनिक स्मारक और पुलिस मेमोरियल को देखने जरूर जाएंगे। आप जब भी जाएं, तो वहां ली गई अपनी तस्वीरों को सोशल मीडिया पर अवश्य शेयर करें ताकि दूसरें लोग इस मेमोरियल को देखने के लिए उत्सुक हों।”

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