अमेठी में बनेगी AK-203 राइफलें, प्रधानमंत्री मोदी ने फैक्ट्री का किया उद्घाटन

सेना को एके-47 राइफल(AK-47 rifle) का आधुनिक वर्जन एके-203(AK–203) से लैश किया जाएगा।

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के अमेठी में इंडो-रूस की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का उद्घाटन किया। बता दें कि इंडो-रूस राइफल प्राइवेट लिमिटेड भारत की आयुध फैक्टरी और रूस के प्रतिष्ठान का जॉइंट प्रोजेक्ट है। कोरवा आयुध फैक्टरी में प्रतिष्ठित कलाशनिकोव राइफलों की नवीनतम श्रेणियां बनाई जाएंगी। यह संयुक्त उद्यम देश में शस्त्र सेनाओं को मदद देगा और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती प्रदान करेगा।आज अमेठी में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री की कोशिश और रूस के सहयोग से अमेठी में बंद पड़े यूनिट में AK 203 मॉर्डन राइफल बनाने का काम शुरू होगा। यहां भारतीय सेना के लिए 7.5 लाख राइफल्स बनाए जाएंगे।सेना को एके-47 राइफल(AK-47 rifle) का आधुनिक वर्जन एके-203(AK–203) से लैश किया जाएगा। इसके लिए भारत ने रूस के साथ समझौता किया है। इस करार के अनुसार, रूस के सहयोग से भारत में सात लाख 50 हजार (750,000) असॉल्ट राइफलें बनेगी।एके-203 असॉल्ट राइफलों के लिए ओएफबी और रूसी कंपनी कंसर्न क्लानिश्नकोव के बीच रक्षा सौदे पर करार हुआ है। भारत और रूस की कंपनियां मिलकर इसे बनाएंगी। भारतीय सेना की पुरानी इंसास राइफल को रिप्लेस किया जाएगा और इसकी जगह जवानों को एके-203 असॉल्ट राइफलें मिलेंगी।बता दें कि रूस ने दस साल पहले भारतीय सेना के लिए AK-47 राइफल के नए वर्जन की पेशकश की थी। उस समय दोनों देशों के बीच AK–103 राइफल पर बात हुई थी लेकिन डील पक्की नहीं हो पायी थी। अब भारत सरकार और रूस के बीच 2018 का मॉडल AK–203 पर सहमति बनी है। बताया जाता है कि AK सीरीज की यह सबसे खतरनाक राइफल है।यह एके फैमिली की सबसे अपडेट राइफलों में एक है। अपनी एक्युरैसी के लिए मशहूर एके-203, कंटवर्टेबल राइफल है। इसे सैमी ऑटोमेटिक और ऑटोमैटिक तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है। एके-47 सबसे बेसिक मॉडल है इसके बाद एके में 74, 56, 100 सीरीज, 200 सीरीज आ चुकी है।यह भी 201, 202 की तरह राइफल है। रिपोर्ट्स के अनुसार नई असाल्ट राइफल की लंबाई करीब 3.25 फुट होगी। गोलियों से भरी राइफल का वजन लगभग 4 किलोग्राम होगा। साथ ही यह किसी भी ऑपरेशन में जवानों के लिए इजी टू हैंडल होगी। यह नाइट ऑपरेशन में भी काफी कारगर होगी।इससे पहले अभी हाल में ही भारत ने अमेरिका से 72,400 असॉल्ट राइफलें खरीदने के लिए समझौता किया था। करीब 700 करोड़ रुपये में ये राइफलें खरीदी जाएंगी। अनुबंध के मुताबिक एक साल के भीतर अमेरिका की सिग सौयर कंपनी 7.62 एमएम की 72,400 राइफलें देगी। इन राइफलों के मिलने से भारतीय सेना की ताकत और बढ़ जाएगी।अभी भारतीय सेना के पास 5.56 गुणा 45 एमएम इंसास राइफलें हैं। इन्हें आधुनिक और उन्नत तकनीक वाली 7.62 गुणा 51 एमएम राइफल से बदलना आवश्यक हो गया था। चीन से लगती 3,600 किलोमीटर की लंबी सीमा पर तैनात जवान इस राइफल का इस्तेमाल करेंगे।

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