रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राहुल गांधी के आरोपों पर बोले हमने विपक्षी नेताओं की मंशा पर सवाल नहीं उठाया
(एन एल एन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि गलवान घाटी संघर्ष और अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में हालिया गतिरोध के दौरान भारतीय सैनिकों ने जिस बहादुरी और साहस का प्रदर्शन किया उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है । भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) में एक कार्यक्रम के दौरान संबोधन में सिंह ने यह बयान दिया । सिंह का यह बयान चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर राहुल गांधी के बयान के एक दिन बाद आया है जिसमें कांग्रेस नेता ने सरकार पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन द्वारा उत्पन्न खतरे को कम करके आंकने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार ‘‘सो रही है’’ और स्थिति को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है ।
रक्षा मंत्री ने गांधी पर चीन के साथ सीमा विवाद से निपटने में सरकार की मंशा पर ‘‘संदेह’’ करने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर परोक्ष रूप से निशाना साधा और कहा कि ‘‘झूठ’’ के आधार पर राजनीति नहीं की जा सकती है। सिंह ने कहा, ‘‘चाहे वह गलवान हो या तवांग, सशस्त्र बलों ने जिस तरह से बहादुरी और वीरता का प्रदर्शन किया, उसके लिए उनकी जितनी भी प्रशंसा की जाए, वह कम है।’’ राजनाथ ने कहा, ‘‘हमने विपक्ष के किसी भी नेता की मंशा पर कभी सवाल नहीं उठाया, हमने केवल नीतियों के आधार पर बहस की है । राजनीति सच्चाई पर आधारित होनी चाहिए । लंबे समय तक झूठ के आधार पर राजनीति नहीं की जा सकती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘समाज को सही दिशा में ले जाने की प्रक्रिया को ‘राजनीति’ कहा जाता है । हमेशा किसी की मंशा पर संदेह करने का कारण मेरी समझ में नहीं आता ।’’
सिंह ने यह भी कहा कि भारत विश्व के कल्याण और समृद्धि के लिए एक महाशक्ति बनने की इच्छा रखता है और इसका किसी भी देश की एक इंच भूमि पर कब्जा करने का कोई इरादा नहीं है । यह टिप्पणी सीमाओं पर चीन के आक्रामक व्यवहार के संदर्भ में थी । हम एक महाशक्ति बनने की आकांक्षा रखते हैं, तो यह कभी नहीं समझा जाना चाहिए कि हम दुनिया के देशों पर हावी होना चाहते हैं। आजादी के समय भारत की अर्थव्यवस्था छह-सात बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक थी और जब चीन 1949 की क्रांति के बाद नयी व्यवस्था का गवाह बना तब उसकी जीडीपी भारत से कम थी । उन्होंने कहा कि हालांकि भारत और चीन 1980 तक साथ-साथ चलते रहे, लेकिन पड़ोसी देश आर्थिक सुधारों के जरिए आगे बढ़ा ।