(न्यूज़लाइवनाउ-J&K) लगातार हो रही मूसलाधार बारिश और भूस्खलन ने कठुआ जिले में व्यापक तबाही मचा दी है। कई सड़कें ध्वस्त हो गईं, स्कूल भवन ढह गए और जिला मुख्यालय से सीधा संपर्क टूट गया। नदियों और नालों का जलस्तर खतरे की सीमा पार कर गया है।
जिलेभर में बारिश का कहर जारी है। दर्जनों कच्चे घर बर्बाद हुए हैं, मगर सबसे बड़ा नुकसान सड़क नेटवर्क को हुआ है। कठुआ मुख्यालय से सभी सब-डिवीजनों का संपर्क पूरी तरह बाधित हो गया है।
जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग के समानांतर चलने वाली सामरिक दृष्टि से अहम धार रोड तक पहुंचाने वाले लखनपुर–महानपुर और दियालाचक–छलां मार्ग बंद पड़े हैं। इसी तरह सीमावर्ती इलाकों को सांबा से जोड़ने वाला पुराना सांबा-कठुआ मार्ग भी अवरुद्ध है। महानपुर से बसोहली और बसोहली से बनी का संपर्क भी कट चुका है।
शनिवार रात से जारी तेज बारिश ने जिले की सभी नदियों और खड्डों को उफान पर ला दिया। बनी क्षेत्र में सेवा, कठुआ में उज्ज, सहार और मग्गर खड्ड का पानी खतरे से ऊपर बहने लगा। हीरानगर में तरनाह का जलस्तर सुबह आठ बजे तीन फीट पार कर गया और दिनभर में उतार-चढ़ाव के साथ शाम तक दो फीट तक दर्ज किया गया।
उज्ज नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से ग्रामीण इलाकों में बाढ़ का संकट गहरा गया। सुबह नौ बजे यह खतरे के निशान से ऊपर चला गया और दोपहर तक 1.44 लाख क्यूसेक स्तर तक पहुंच गया। प्रशासन ने ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने के लिए अलर्ट जारी किया। सहार और मग्गर खड्ड भी दिनभर उफान पर रहे और कई जगहों पर भारी नुकसान पहुंचाया। मग्गर खड्ड ने गुज्जर बस्ती में कच्चे मकान बहा दिए, जबकि सहार ने शेरपुर में सड़क और नहर को तहस-नहस कर डाला।
बिलावर, बसोहली और बनी क्षेत्रों से मकानों के आंशिक क्षति की सूचना मिली है। प्रशासन नुकसान के आकलन में जुटा है, पर फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती सड़क संपर्क को बहाल करना है।
टिकरी मोड़ पर धंसी सड़क
रविवार दोपहर बनी-बसोहली मार्ग टिकरी मोड़ के पास भूस्खलन की चपेट में आ गया। सड़क में दरारें आने के बाद लगभग 50 मीटर हिस्सा खाई में धंस गया। इससे बनी और बसोहली का सीधा संपर्क टूट गया।
इसी तरह, महानपुर और बसोहली के बीच दन्नी में हाल ही में बहाल की गई सड़क फिर से क्षतिग्रस्त हो गई। लखनपुर से महानपुर मार्ग पर जगह-जगह भूस्खलन होने से यात्री वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद है। वहीं बिलावर-दियालाचक मार्ग, जिसे हाल ही में छोटे वाहनों के लिए खोला गया था, दोबारा अवरुद्ध हो गया है।
रंजीत सागर झील का बढ़ता जलस्तर
रंजीत सागर बांध की झील का पानी भी खतरे की रेखा को पार करने के करीब पहुंच गया है। 527 फीट की निर्धारित सीमा के मुकाबले रविवार शाम तक झील का जलस्तर 526 फीट को पार कर गया। लगातार पहाड़ी इलाकों से रावी नदी में बढ़ते पानी के चलते सोमवार तक स्थिति और बिगड़ने की आशंका है।
एडीसी बसोहली पंकज भगोत्रा ने बताया कि प्रभावित इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। मंडला क्षेत्र में 148 लोगों को राधास्वामी सत्संग भवन में ठहराया गया है। कई परिवारों को पंचायत घरों और स्कूलों में शरण दी गई है। पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि लोग असुरक्षित पुरथू इलाके में न जाएं।
महानपुर के कैलड़ी इलाके में पहाड़ खिसकने से सरकारी स्कूल पुंखर की इमारत और शौचालय परिसर मलबे में बदल गए। भारी बारिश के कारण जमीन में बड़ी दरारें पड़ गईं और देखते ही देखते पूरा ढांचा ध्वस्त हो गया। स्थानीय निवासियों ने राहत की सांस ली कि यह घटना रविवार को हुई, जब स्कूल में अवकाश था, वरना बड़ा हादसा हो सकता था।
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