न्यूज़लाइवनाउ – भारत में सोने की खपत का लंबा इतिहास रहा है. हर साल आम लोग हजारों टन सोना खरीद लेते हैं. इस भारी मांग की पूर्ति के लिए भारत को बाहर से सोना मंगाना पड़ता है. अब जल्दी ही इस स्थिति में बड़ा बदलाव दिख सकता है.
डेक्कन गोल्ड माइन्स लिमिटेड आंध्र प्रदेश स्थित सोने की खदानों पर तेजी से काम कर रही है. कंपनी जल्दी ही पूरे स्तर पर उत्पादन शुरू करना चाहती है. अब जल्दी ही इस स्थिति में बड़ा बदलाव दिख सकता है और देश में ही सोने का उत्पादन शुरू हो सकता है. देश की पहली प्राइवेट सोना खदान से जल्दी ही पूरे पैमाने पर प्रोडक्शन शुरू होने की उम्मीद है.
अभी प्रायोगिक तौर पर परिचालन चल रहा है
न्यू एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत की सोने की पहली बड़ी खदान में अगले साल उत्पादन शुरू हो सकता है. रिपोर्ट में डेक्कन गोल्ड माइन्स लिमिटेड के मैनेजिंग डाइरेक्टर हनुमा प्रसाद के हवाले से बताया गया है कि जोनागिरी गोल्ड प्रोजेक्ट में अगले साल के अंत तक यानी दिसंबर 2024 तक फुल स्केल प्रोडक्शन शुरू हो सकता है. अभी प्रायोगिक तौर पर परिचालन चल रहा है.
प्रसाद ने बताया है कि जब एक बार जोनागिरी गोल्ड प्रोजेक्ट में फुल स्केल प्रोडक्शन शुरू होगा, तो वहां हर साल करीब 750 किलो सोने का उत्पादन होगा. खदान पर अब तक करीब 200 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है और फिलहाल हर महीने करीब एक किलो सोने का उत्पादन वहां हो रहा है. खदान में निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और हनुमा प्रसाद को उम्मीद है कि अगले साल अक्टूबर-नवंबर तक पूरे स्तर पर उत्पादन शुरू हो जाएगा.
गोल्ड माइन्स की करीब 40 फीसदी हिस्सेदारी है
सोने के ये खदान आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में तुग्गाली मंडलम में स्थित हैं और जोनागिरी, एरागुडी व पगाडीराइ गांवों के आस-पास हैं. इस खदान को साल 2013 में मंजूरी दी गई थी. कंपनी को 8-10 साल वहां सोने की खोज करने में लग गए. जोनागिरी गोल्ड माइन्स को जियोमैसूर सर्विसेज इंडिया लिमिटेड डेवलप कर रही है, जिसमें डेक्कन गोल्ड माइन्स की करीब 40 फीसदी हिस्सेदारी है. डेक्कन गोल्ड माइन्स लिमिटेड देश की पहली और अब तक की अकेली ऐसी गोल्ड एक्सप्लोरेशन कंपनी है, जो बीएसई पर लिस्टेड है.
डेक्कन गोल्ड माइन्स लिमिटेड के पास देश से बाहर भी सोने की खदानें हैं. उसके बारे में एमडी प्रसाद ने बताया कि किर्गिजस्तान स्थित गोल्ड माइन प्रोजेक्ट में कंपनी के पास 60 फीसदी हिस्सेदारी है. वहां भी अगले साल अक्टूबर-नवंबर तक उत्पादन शुरू हो जाएगा. किर्गिजस्तान स्थित एल्टिन टोर गोल्ड प्रोजेक्ट से हर साल 400 किलोग्राम सोने का उत्पादन होने की उम्मीद है.
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