(न्यूज़लाइवनाउ -New Delhi) दिल्ली पुलिस ने फरार चल रहे ISIS के मोस्ट वांटेड आतंकवादियों में से एक शाहनवाज को गिरफ्तार कर लिया है. पुणे पुलिस की हिरासत से फरार इनामी आतंकी शाहनवाज को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. शाहनवाज पेशे से इंजीनियर है.
दिल्ली पुलिस ने फरार चल रहे ISIS के मोस्ट वांटेड आतंकवादियों में से एक शाहनवाज को गिरफ्तार कर लिया है. वह पुणे पुलिस की हिरासत से भाग गया था और दिल्ली में रह रहा था. उस पर 3 लाख रुपये का इनाम था. शाहनवाज पर ISIS मॉड्यूल से संबंध रखने का आरोप है. पुलिस के मुताबिक शाहनवाज से पूछताछ की जा रही है.
ISIS आतंकी शहनवाज ने पूछताछ में बताया कि उन्होंने मुंबई, सूरत, वडोदरा, गांधीनगर और अहमदाबाद में बड़े नेताओं के रूट की रेकी की थी, ताकि IED से ब्लास्ट करके उनकी हत्या की जा सके.
वह गुजरात के अक्षरधाम मंदिर पर हुए आतंकी हमले के मास्टरमाइंड फरतुल्लाह गौरी और उसके दामाद शाहिद फैसल के संपर्क में थे, जो कि अब पाकिस्तान में ISI की पनाह में रहते हैं. तीनों इन्हीं केआदेश पर दिल्ली में भी बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने के फिराक में थे.
अयोध्या मंदिर भी उनके निशाने पर
उन्होंने पूछताछ में बताया कि उनके निशाने पर देश के कुछ मंदिर और बड़े स्थान भी थे. इसके अलावा मुंबई का चाबड़ हाउस और अयोध्या मंदिर भी उनके निशाने पर था. बता दें कि चाबड़ हाउस मुंबई 26/11 के आतंकी हमलों का दंश भी झेल चुका है.
इससे पहले अधिकारियों ने सोमवार (2 अक्टूबर) को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया दिल्ली पुलिस ने एनआईए के मोस्ट वांटेड आतंकवादियों में से एक शाहनवाज को गिरफ्तार कर लिया है. उसके साथ मोहम्मद अरशद वारसी और रिजवान नाम के संदिग्धों को भी गिरफ्तार किया गया है.
अधिकारियों ने बताया कि इनके पास से बम बनाने की ट्यूब, केमिकल्स और प्लास्टिक भी बरामद हुई है. इसके अलावा इनके पास से पिस्तौल और कारतूस भी मिले हैं. इतना ही नहीं उनके पास से बम बनाने का लिटरेचर भी बरामद हुआ है. इसमें कैसे केमिकल को प्रोक्योर करना है? कैसे बम बनाना है? जैसी जानकारी दी गई है.
पुलिस के मुताबिक उसने वैस्टर्न इंडिया, सदर्न इंडिया, गुजरात और अहमदाबाद में रेकी की थी, साथ ही उसने कई जंगलों में भी समय बिताया
पुलिस ने कहा कि शाहनवाज पेशे से इंजीनियर है. वह झारखंड के हजारीबाग का रहने वाला है. उसने बीटेक की पढ़ाई की है. उसे माइनिंग की पूरी जानकारी है. वहीं, अरशद वारसी ने भी बीटेक और फिर पीएचडी की है, जबकि मोहम्मद रिजवान मौलाना है और उसने भी कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया है.
पुलिस के अनुसार, “गिरफ्तार किए गए तीनों लोग ज्यादा से ज्यादा नुकसान करने के इरादे से ब्लास्ट करने वाले थे. उनके निशाने पर ज्यादातर जाने-माने डिग्निटरीज और वीआईपी लोग थे. ये लोगों का सामान और बाइक चुराकर उससे पैसा कमाते थे और फिर इन पैसों का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए करते थे.”
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