न्यूज़लाइवनाउ – भारत सरकार सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी वॉट्सऐप को एक आदेश देने वाली है जिसमें कंपनी को यूजर्स का निजी डेटा सरकार के साथ शेयर करना होगा. अगर आप सोच रहें हैं कि सरकार ऐसा क्यों कर रही है तो दरअसल, इसकी वजह AI का बढ़ता दुरूपयोग है.
आईटी रूल 2021 के तहत भारत सरकार वॉट्सऐप को एक आदेश देने वाली है जिसमें कंपनी को यूजर्स का निजी डेटा सरकार के साथ शेयर करना होगा. दरअसल, AI का गलत तरीके से इस्तेमाल कर भ्रामक और सरकार के खिलाफ झूठी बातें इंटरनेट पर तेजी से शेयर की जा रही है. न सिर्फ सरकार बल्कि आम जनता को भी AI के जरिए टारगेट किया जा रहा है और वॉट्सऐप के जरिए ऐसा कंटेंट तेजी से वायरल हो रहा है.
आईटी रूल 2021 की धारा 4 (2) के तहत
सूत्रों के अनुसार , अगर सरकार इस आदेश को कंपनी को भेजती है तो इससे आने वाले इलेक्शन में असर पड़ेगा. दरअसल, सरकार आईटी रूल 2021 की धारा 4 (2) के तहत लोगों का निजी डेटा कंपनी से मांगने की योजना बना रही है जो यूजर्स की प्राइवेसी पर बड़ा सवाल खड़ा करता है. वर्तमान में वॉट्सऐप के मेसेजेस एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड होते हैं और कंपनी भी इन मेसेजेस को नहीं देख पाती. अगर सरकार यूजर्स का डेटा शेयर करने के लिए कहती है तो इससे विपक्ष भी मोदी सरकार को टारगेट कर सकता है क्योकि ये लोगों की प्राइवेसी को एक तरह से कमजोर करेगा.
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बता दें, भारत सरकार वॉट्सऐप ने ऐसे लोगों का डेटा मांगेगी जो फेक कंटेंट को सर्कुलेट कर रहे हैं और ऐसे कंटेंट के प्राइमरी ओरिजिन के खिलाफ कार्रवाई करेगी. सोशल मीडिया कंपनी मेटा ने 2021 में दिल्ली उच्च न्यायालय में सरकार के इस प्रावधान के खिलाफ मुकदमा दायर किया था और चुनौती देते हुए कोर्ट से कहा था कि यह कंपनी के यूजर्स की गोपनीयता को “गंभीर रूप से कमजोर” करेगा और इससे लोगों का ट्रस्ट कंपनी से हट जाएगा जिससे कंपनी को नुकसान भी होगा. फिलहाल ये मामला अदालत में विचाराधीन है.
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