BHU: चीफ प्राक्टर ओंकारनाथ ने दिया इस्तीफ़ा

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में छात्रा के साथ कथित छेड़छाड़ और पुलिस के लाठीचार्ज की घटना के बाद मचे बवाल के बीच संस्थान के चीफ प्रॉक्टर प्रो. ओंकार नाथ सिंह ने घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. विश्वविद्यालय के जनसम्पर्क अधिकारी राजेश सिंह ने बताया कि सिंह ने अपना इस्तीफा मंगलवार देर रात कुलपति जी. सी. त्रिपाठी को सौंपा, जिसे स्वीकार कर लिया गया है. उधर डॉक्टर महेंद्र कुमार सिंह को चीफ प्रॉक्टर बनाया गया है.

सूत्रों के मुताबिक बीएचयू मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है. लाठीचार्ज को लेकर बयान देने वाले यूनिवर्सिटी के कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी के खिलाफ एक्शन लेते हुए उनके सारे अधिकार छीन लिए गए हैं. गौरतलब है कि पिछले सप्ताह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में एक छात्रा ने छेड़छाड़ की शिकायत की थी. उसने आरोप लगाया था कि जब वह परिसर के भीतर ही अपने छात्रावास की ओर लौट रही थी तो मोटरसाइकिल पर सवार तीन लोगों ने उसके साथ छेडछाड़ की. बृहस्पतिवार को हुई इस घटना के खिलाफ कुछ छात्र-छात्राओं ने प्रदर्शन किया. कुछ विद्यार्थियों ने कुलपति से उनके आवास पर मिलने की कोशिश की जिसके बाद हिंसा फैल गयी. स्थिति नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज किया. इस घटना की जांच का आदेश दिया गया है

बता दें कि  बीएचयू में लाठीचार्ज की घटना को लेकर पुलिस कमिश्नर ने रिपोर्ट सौंपी थी. इस रिपोर्ट में विश्वविद्यालय प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया गया था. रिपोर्ट में कहा गया कि पीड़ित छात्रा की शिकायत के साथ बीएचयू प्रशासन ने संवेदनशीलता नहीं बरती और न ही मामले को वक्त रहते संभाला.
कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने कुलपति को तत्काल हटाने की मांग की है. ज्ञात हो कि छात्रों ने कुलपति को हटाने की मांग की थी. कुलपति का पद एक संवैधानिक पद है लिहाजा उन्हें इस तरह से हटाया नहीं जा सकता. कुलपति की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है. लिहाजा कुलपति को हटाने के लिए उन पर लगे आरोपों की जांच और जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद ही हटाया जा सकता है.
बीएचयू में लाठी चार्ज की घटना को लेकर पीएमओ सख्त है. प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी योगी से बात की है. उधर इलाहाबाद के हाईकोर्ट के जस्टिस वी के दीक्षित के नेतृत्व में न्यायिक आयोग का गठन किया गया है. लाठीचार्ज मामले को लेकर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रशासन को यह सलाह दी गयी है कि वह छात्रों को दिक्कत न पहुंचाये लेकिन असमाजिक तत्वों पर कार्रवाई हो.
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