ब्राजील में ड्रग गिरोहों पर पुलिस का बड़ा अभियान, एक ही दिन में 64 लोगों की मौत

(न्यूज़लाइवनाउ-Brazil) ब्राजील में नशे के कारोबार से जुड़े आपराधिक नेटवर्क पर पुलिस की जबरदस्त कार्रवाई के दौरान 64 लोगों की मौत हुई है। इस हिंसक अभियान को लेकर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय (UNOHCHR) ने कड़ी आलोचना की है और ब्राजील सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग की है।

जानकारी के अनुसार, रियो डी जनेरियो के दो गरीब इलाकों—कॉम्प्लेक्सो दा पेन्हा और कॉम्प्लेक्सो दो अलेमाओ—में लगभग 2,500 सशस्त्र पुलिसकर्मियों ने ड्रग माफियाओं के खिलाफ ताबड़तोड़ छापेमारी की। इस दौरान चार पुलिस कर्मियों सहित 64 लोगों की मौत हुई, जबकि 81 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया।

रियो के गवर्नर क्लॉडियो कास्त्रो ने इस कार्रवाई को राज्य के इतिहास का सबसे बड़ा पुलिस ऑपरेशन बताया। उनका कहना है कि यह मिशन “कोमांडो वेरमेल्हो” (रेड कमांड) नामक शक्तिशाली गिरोह के प्रभाव को खत्म करने के लिए चलाया गया था, जो मादक पदार्थों की तस्करी के जरिए अपना नेटवर्क फैला रहा था।

संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि यह अभियान गरीब समुदायों के खिलाफ पुलिस की हिंसक कार्रवाइयों की खतरनाक प्रवृत्ति को और बढ़ावा देता है। संगठन ने बल प्रयोग की वैधता पर गंभीर सवाल उठाते हुए ब्राजील सरकार से अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों का पालन करने और घटना की निष्पक्ष व पारदर्शी जांच सुनिश्चित करने की अपील की है।

रियो में ‘जंग जैसे हालात’

रिपोर्ट्स के मुताबिक, रियो के उत्तरी हिस्से में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नजदीक गोलियों की आवाज़ें गूंजती रहीं। झड़पों के दौरान आग लगने से घना धुआं फैल गया, जिससे सड़कें सुनसान और दुकानें बंद हो गईं। घबराए लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते दिखे।

मौके पर मौजूद पत्रकारों ने स्थिति को ‘युद्ध जैसे हालात’ बताया। विला क्रुजेरो इलाके में पुलिस ने करीब 20 युवाओं को हिरासत में लिया, जिन्हें नंगे पांव और बिना कमीज़ के फुटपाथ पर सिर झुकाए बैठा देखा गया।

रियो डी जनेरियो भले ही दुनिया का एक प्रसिद्ध पर्यटन केंद्र है, लेकिन यहां की झुग्गी बस्तियों में ड्रग तस्करी और अपराध का गढ़ गहराई से फैला हुआ है। इन इलाकों में अक्सर पुलिस और अपराधियों के बीच मुठभेड़ें होती रहती हैं, जिससे आम नागरिक लगातार दहशत में जीते हैं।

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