ब्रिक्स देशों ने सुरक्षित आतंकी पनाहगाहों को ख़तम करने का लिया संकल्प

दो जून पांच देशों के संगठन ब्रिक्स ने आतंकवादियों के सीमा पार आवागमन, आतंकवाद के वित्त पोषण के नेटवर्क तथा सुरक्षित आतंकी पनाहगाहों सहित आतंकवाद के सभी स्वरूपों और तरीकों से निपटने का शुक्रवार को संकल्प लिया।

(एन एल एन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): ब्रिक्स के देशों ने आतंकवाद को पालने पोसने वालों का नेटवर्क ध्वस्त करने और आतंकवाद से निपटने के लिए इन देशों के विदेश मंत्रियों ने संयुक्त रूप से यह संकल्प लिया है। दो जून पांच देशों के संगठन ब्रिक्स ने आतंकवादियों के सीमा पार आवागमन, आतंकवाद के वित्त पोषण के नेटवर्क तथा सुरक्षित आतंकी पनाहगाहों सहित आतंकवाद के सभी स्वरूपों और तरीकों से निपटने का शुक्रवार को संकल्प लिया। ब्रिक्स देशों की यह बैठक दक्षिण अफ्रीका में आयोजित की गई है। ब्रिक्स संगठन ने आतंकवादियों के सीमा पार आवागमन, आतंकवाद को धन देने वाले नेटवर्क और सुरक्षित आतंकी पनाहगाहों सहित आतंकवाद के सभी स्वरूपों और तरीकों से निपटने का शुक्रवार को संकल्प लिया।

ब्रिक्स देशों की यह बैठक दक्षिण अफ्रीका में आयोजित की गई है। ब्रिक्स संगठन ने आतंकवादियों के सीमा पार आवागमन, आतंकवाद को धन देने वाले नेटवर्क और सुरक्षित आतंकी पनाहगाहों सहित आतंकवाद के सभी स्वरूपों और तरीकों से निपटने का शुक्रवार को संकल्प लिया।

ब्रिक्स में भारत, ब्राजील, रूस, चीन तथा दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। इन देशों के विदेश मंत्रियों की ओर से जारी संयुक्त बयान ‘द केप ऑफ गुड होप’ में आतंकवाद को ‘‘जब भी, जहां कहीं भी और चाहे जिसने भी अंजाम दिया हो’’ उसकी कड़े शब्दों में निंदा की गई है। संयुक्त बयान में कहा गया, ‘वे (मंत्री) आतंकवाद के सभी स्वरूपों तथा तरीकों से निपटने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसमें आतंकवादियों के सीमा पार आवागमन, आतंकवाद के वित्त पोषण के नेटवर्क तथा सुरक्षित आतंकी पनाहगाह शामिल हैं।

बयान में कहा गया है कि आतंकवाद से उपजे खतरों, आतंकवाद तथा कट्टरवाद के लिए अनुकूल अतिवाद की पहचान करते हुए मंत्रियों ने आतंकी गतिविधियों पर कड़ाई से लगाम लगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के व्यापक दृष्टिकोण की जरूरत पर बल दिया। इसके अनुसार, मंत्रियों ने कहा कि आतंकवाद को किसी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या जातीय समूह से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने आतंकवाद तथा कट्टरपंथ से निपटने में दोहरे मानदंड को भी खारिज कर दिया। उन्होंने ब्रिक्स आतंकवाद निरोधक कार्यकारी समूह की गतिविधियों का स्वागत किया तथा आतंकवाद-रोधी सहयोग को और प्रगाढ़ करने का संकल्प लिया।

ब्रिक्स दुनिया की उभरती इकोनॉमी वाले देशों का संगठन है। इसमें 5 देश ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। इन्हीं देशों के अंग्रेजी में नाम के पहले अक्षरों B, R, I, C व S से मिलकर इस समूह का यह नामकरण हुआ है। ब्रिक्स की स्थापना जून 2006 में हुई थी। इस कारण इसका नाम BRIC था। साल 2010 में इस संगठन में दक्षिण अफ्रीका भी शामिल हो गया। इसके बाद इस संगठन का नाम BRIC से बदलकर BRICS हो गया। इस संगठन की पहली बैठक 2009 में हुई थी।

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