(न्यूज़लाइवनाउ-J&K) जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ ज़िले के दूरस्थ गांव चशोती में शनिवार को लगातार तीसरे दिन भी राहत व बचाव कार्य जारी है। इस भयावह आपदा में अब तक 60 लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से अधिक लोग घायल हैं। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला स्वयं प्रभावित गांव पहुंचे और स्थिति का जायज़ा लिया।
उपराज्यपाल ने चशोती क्षेत्र में राहत और पुनर्वास अभियानों का मुआयना किया। उन्होंने अधिकारियों को प्रभावित लोगों को त्वरित सहायता, ज़रूरी सामग्री और सुरक्षित आश्रय उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। साथ ही, बाढ़ में तबाह हुए मकानों के पुनर्निर्माण का भरोसा भी दिया।
महिला का शव मिला
गांव बैनागढ़ से मचैल दर्शन पर गए आठ श्रद्धालुओं में से एक महिला का शव किश्तवाड़ मेडिकल अस्पताल से बरामद हुआ। मृतका की पहचान 40 वर्षीय ममता देवी, पत्नी हूसनदास, के रूप में की गई। ममता के भाई ने अस्पताल में शव देखकर पहचान की पुष्टि की। हूसनदास, जो सेना में कार्यरत हैं, पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों के लापता होने की ख़बर सुनकर तुरंत घर लौटे थे। ममता की मौत की सूचना के बाद परिजन और रिश्तेदार लगातार उनके घर पहुंच रहे हैं, जबकि बाकी लापता लोगों का अभी कोई पता नहीं है।
मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने प्रभावित इलाकों का दौरा कर जानकारी दी कि बड़ी संख्या में एंबुलेंस लगाई गई हैं। CISF, CRPF और जम्मू-कश्मीर पुलिस समेत विभिन्न एजेंसियां राहत कार्य में जुटी हुई हैं। उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों को पुनर्वास हेतु ज़मीन उपलब्ध कराई जाएगी और हर संभव मदद दी जाएगी।
केंद्रीय मंत्री का बयान
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस घटना को “असाधारण प्राकृतिक आपदा” बताया। उन्होंने कहा कि स्थानीय ग्रामीणों ने सबसे पहले प्रशासन को सतर्क कर बचाव कार्य में मदद की, जिसके लिए वे प्रशंसा के पात्र हैं। सेना, वायुसेना, अर्धसैनिक बल, जम्मू-कश्मीर पुलिस और बीआरओ ने मिलकर उल्लेखनीय तरीके से राहत अभियान चलाया। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री मोदी व्यक्तिगत रूप से हालात पर नज़र बनाए हुए हैं। अब तक 53 शव बरामद किए जा चुके हैं।
किश्तवाड़ के दौरे के बाद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मुख्यमंत्री राहत कोष से वित्तीय सहायता पैकेज की घोषणा की।
- प्रत्येक मृतक के परिजनों को 2 लाख रुपये
- गंभीर घायलों को 1 लाख
- रुपयेसामान्य घायलों को 50 हज़ार रुपये
- पूरी तरह ढहे मकानों के लिए 1 लाख रुपये
- गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए 50 हज़ार रुपये
- आंशिक क्षति वाले मकानों के लिए 25 हज़ार रुपये प्रदान किए जाएंगे।
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