(न्यूज़लाइवनाउ-Himachal Pradesh) हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने ओबेरॉय ग्रुप के फाइव स्टार वाइल्ड फ्लावर हॉल राज्य सरकार को सौंपने के आदेश दिए हैं. हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने इस होटल का कब्जा दो महीने के अंदर राज्य सरकार को सौंपने के लिए कहा है.
Himachal Pradesh News: साथ ही 15 मार्च तक मामले की अनुपम रिपोर्ट भी मांगी है. कोर्ट ने वित्तीय मामले निपटने के लिए दोनों पक्षों को नामी चार्टर्ड अकाउंटेंट नियुक्त करने के भी आदेश दिए हैं, ताकि वित्तीय लेन-देन का मामला निपटाया जा सके.
120 करोड़ रुपए की राशि प्रदेश सरकार को चुकानी है
हिमाचल हाईकोर्ट ने ओबेरॉय ग्रुप को फाइव स्टार वाइल्ड फ्लावर हॉल वापस सरकार को सौंपने का फैसला सुनाया है. करीब 22 साल से केस कोर्ट में लंबित है. शिमला के होटल वाइल्ड फ्लावर हॉल से जुड़ा यह मामला करीब 22 साल से कोर्ट में लंबित था. प्रदेश सरकार ने कोर्ट में मजबूती के साथ अपना पक्ष रखा.
जिस जमीन पर यह होटल है, इसकी लीज का एक भी रुपए प्रदेश सरकार को अब तक नहीं मिला. यह प्रॉपर्टी करीब 126 बीघा में फैली हुई है. बता दें कि होटल समूह को 120 करोड़ रुपए की राशि प्रदेश सरकार को चुकानी है. हिमाचल प्रदेश सरकार में अतिरिक्त महाधिवक्ता आई.एन. मेहता ने इसे प्रदेश सरकार की बड़ी जीत बताया है.
बीते दिनों होटल पर सरकार ने कब्जा भी ले लिया था, लेकिन इसके बाद होटल ग्रुप हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में पहुंचकर स्टे आर्डर ले आया ले आया. इसके बाद उच्च न्यायालय ने होटल पर कब्जे के आदेश पर रोक लगा दी थी. लंबी लड़ाई के बाद अब प्रदेश सरकार को अपनी प्रॉपर्टी वापस हासिल करने के मामले में जीत मिली है.
दो महीने के अंदर जब हिमाचल प्रदेश सरकार को यह प्रॉपर्टी मिलेगी, तो इससे प्रदेश को हुए वित्तीय नुकसान की भरपाई की जा सकेगी. इसके अलावा भविष्य में भी यह फाइव स्टार प्रॉपर्टी हिमाचल प्रदेश सरकार की कमाई का बड़ा साधन बनकर उभरने वाली है. प्रदेश सरकार इसे बड़ी जीत मान रही है.
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