बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड में मुख्य गवाह ने भी गवाई अपनी जान,गनर की हालत गंभीर

बसपा विधायक रहे राजू पाल मर्डर केस के मुख्य गवाह उमेश पाल की शुक्रवार को हत्या कर दी गई। गनर संदीप मिश्रा और राघवेंद्र सिंह भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। हालांकि पहले ये सूचना आई थी कि हमले में गनर संदीप मिश्रा की भी मौत हो गई है। लेकिन अभी वह वेंटिलेटर पर है।

(एन एल एन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): 25 जनवरी 2005 को सुलेमसराय में इलाहाबाद पश्चिमी के बसपा विधायक रहे राजू पाल की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। अब उनके केस में मुख्य गवाह रहे उमेश पाल की शुक्रवार को हत्या कर दी गई। प्रयागराज में हमलावरों ने घर में घुसकर वारदात को अंजाम दिया। हमला उस समय हुआ जब उमेश पाल कोर्ट से गवाही देकर अभी घर के गेट तक ही पहुंचे थे। वह कार से उतरे तभी 4-5 हमलावरों ने उन पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी। इसके बाद जब वह घर के अंदर भागे, तो बम से हमला कर दिया। इस घटना का CCTV फुटेज भी सामने आया है। फिलहाल हमलावरों के बारे में पता नहीं चल पाया है। घटना के बाद एडवोकेट विक्रम सिन्हा ने कहा, ”केस में फाइनल बहस चल रही थी। हम लोगों की तरफ से बहस समाप्त हो चुकी थी। डिफेंस के वकील ने आज बहस की। ढाई बजे से शुरू करके उन्होंने सवा चार-साढ़े चार बजे तक बहस किया। उसके बाद उन्होंने कोर्ट से बहस खत्म करने के लिए सोमवार तक का समय मांगा। जबकि इस केस में कोर्ट आज बहस खत्म करना चाहती थी। जिसके बाद किसी को समय नहीं दिया जाता। उमेश पाल के अपहरण मामले में विक्रम सिन्हा उमेश पक्ष के वकील हैं।

25 जनवरी 2005 को सुलेमसराय में इलाहाबाद पश्चिमी के बसपा विधायक रहे राजू पाल की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। उनकी पत्नी पूजा पाल कौशाम्बी की चायल सीट से सपा की विधायक हैं। राजू पाल हत्याकांड में पूर्व सांसद अतीक अहमद व उनके छोटे भाई पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ समेत अन्य लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी। उमेश पाल घटना का मुख्य गवाह था। वह राजू पाल की पत्नी पूजा पाल की सगी बुआ का लड़का था।राजू पाल हत्याकांड की जांच CBI ने की थी, जिसमें उमेश पाल मुख्य गवाह थे। यही कारण है कि उन्हें कई बार जान से मारने की धमकी मिली थी। राजू पाल की पत्नी विधायक पूजा पाल ने भी कई बार आशंका जताई थी कि गवाही को प्रभावित करने के लिए उमेश पाल की हत्या हो सकती है। उमेश पाल ने भी अपनी जान को खतरा बताया था।

बसपा के पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और पूर्व बाहुबली सांसद अतीक अहमद के बीच दुश्मनी करीब 17 साल पुरानी है। राजू पाल हत्याकांड में जब उमेश गवाह बने तो उनका अपहरण हो गया था। जिसका आरोप अतीक पर लगा।उमेश अतीक गिरोह के खिलाफ अब तक पांच FIR करा चुके थे। 25 जनवरी 2005 को शहर पश्चिम के विधायक राजू पाल को सुलेम सराय इलाके में गोलियों से भून दिया गया था। उस समय राजू पाल के दोस्त और रिश्तेदार उमेश पाल पूरे मामले के गवाह बन गए थे।

राजू पाल हत्याकांड में गवाह बनते ही अतीक गिरोह उमेश पाल को दुश्मन की नजर से देखने लगा। उन पर कई बार हमले की कोशिश हुई, लेकिन वे बच निकले थे। 28 फरवरी 2008 को उमेश का अपहरण कर लिया गया था। उनके साथ मारपीट की गई। धमकी दी गई, गवाही दी तो मार दिया जाएगा। बाद में उन्हें छोड़ा गया तो उन्होंने अतीक, अशरफ समेत गिरोह के कई लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद भी अतीक के गुर्गे उमेश के पीछे पड़े रहे। 11 जुलाई 2016 को उमेश गवाही देने कचहरी गए थे। उन पर कचहरी परिसर में ही जानलेवा हमला किया गया। उमेश ने अतीक, अशरफ समेत गिरोह के तमाम लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

अतीक गिरोह ने उमेश पर न सिर्फ हमले कराए और धमकियां दीं, बल्कि 2016 में धूमनगंज में जीतेंद्र पटेल की हत्या के मुकदमे में नामजद भी करवा दिया। हालांकि जांच में उमेश को बरी कर दिया गया।

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