वाशिंगटन : नासा के मंगल टोही यान (एमआरओ) ने बुधवार को इस ग्रह पर एक ऐसे संभावित स्थान की तस्वीर भेजी जहां बालू के कण बन रहे हैं. नासा के अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि दक्षिणी उच्चस्थल और उत्तरी निम्नस्थल की सीमा के समीप एक अर्धवृताकार गड्डे में काली परतों के क्षरण से यह काली वस्तु निकल रही है. नीचे की तरफ झुकी धारियों से इस धारणा को बल मिलता है कि काला निक्षेपण उसी स्थान पर बना है न कि हवा द्वारा कहीं बाहर से लाया गया है.
दरअसल बालू के जिन कणों से धरती और मंगल पर टिब्बा बनता है वे अपनी यात्रा के तौर तरीके के लिहाज से बड़े खतरनाक होते हैं. हवा से लाया गया बालू सतह से टकरा कर और इधर -उधर हो कर टिब्बा (ढेर) की शक्ल ले लेता है.हमें दरसअल आज मंगल पर जो बालू के टिब्बे नजर आता है उसके लिए जरुरी है कि जो बालू कण कालातीत में नष्ट हो गये उसके स्थान की फिर से आपूर्ति हो. वैसे मंगल पर बालू के आधुनिक स्रोत ज्ञात नहीं हैं.