राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने सरकार के खिलाफ हो रहे विरोध को मजबूत बताया है, लोकसभा चुनाव में कौन दे रहा ब्रांड मोदी को सबसे बड़ी चुनौती?

न्यूज़लाइवनाउ – लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने सरकार के खिलाफ हो रहे विरोध को मजबूत बताया है. एक इंटरव्यू के दौरान किशोर ने कहा, ऐसा नहीं है कि मोदी ब्रांड को हराया नहीं जा सकता. ऐसा नहीं है कि कोई उनको चुनौती नहीं दे सकता. चाहे कोई राजनीतिक दल उनको चुनौती दे या ना दे, लोग उन्हें चुनौती दे रहे हैं. किशोर कहा कहना है कि ‘विपक्षी दल कमजोर हो सकते हैं, लेकिन सरकार को लेकर जो विरोध हो रहा है वो कमजोर नहीं है.

100 में से 40 लोग ही देते हैं बीजेपी को वोट

राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने सरकार के खिलाफ हो रहे विरोध को मजबूत बताया है. किशोर ने कहा, ऐसा नहीं है कि मोदी ब्रांड को हराया नहीं जा सकता. प्रशांत किशोर ने कहा कि ये ऐसा देश है, जहां 60 करोड़ से ज्यादा लोग हर दिन 100 रुपये से ज्यादा नहीं कमाते. उस देश में सरकार के खिलाफ विपक्ष कभी कमजोर हो ही नहीं सकता. ऐसा सोचना गलत है. किशोर बोले, विपक्षी दल और विपक्षी दलों का गठन कमजोर हो सकता है, लेकिन देश में हो रहा विरोध कभी कमजोर नहीं हो सकता.

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सरकार के विरोध वाली बात का तर्क देते हुए प्रशांत किशोर ने आंकड़े साझा किए और कहा, किसी को भी 50 प्रतिशत वोट नहीं मिलते. सरल भाषा में कहें, तो 100 में से 40 लोग पीएम को वोट करते हैं. वह 40 लोग उनके काम, हिंदुत्व, राम मंदिर, अनुच्छेद 370 का समर्थन करते हैं. कुल मिलाकर बस 40 लोग ही खुश हैं, 60 से 62 लोग खुश नहीं हैं. बीजेपी के सामने ग्रामीण संकट एक बड़ा मुद्दा है. इसके बाद भी यदि बीजेपी जीत रही है तो विपक्षी दल उतने मजबूत और भरोसेमंद नहीं है.

प्रशांत किशोर ने 2024 के लोकसभा चुनावों की तुलना 2014 के चुनावों से की. किशोर बोले, ब्रांड मोदी की ताकत 2014 और 2019 की तुलना में कम हो रही है. 2024 में वोटरों में उत्साह था. 2029 में लोगोंं को लगा कि सरकार को विकास के लिए और पांच साल मिलने चाहिए. एक बड़ा वर्ग ये मानता था कि मोदी के सरकार में आने से देश बदल जाएगा. 2024 में लोगों को लगेगा कि विकल्प तो कोई नहीं है, वोट देना ही पड़ेगा. किशोर ने बताया 2014 और 2019 के बीच भाजपा प्रदर्शन 3 प्रतिशत कम रहा था. खास बात ये भी कही कि राम मंदिर को लेकर उनको ज्यादा वोट नहीं मिल रहे हैं.

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