संसद में 33 फीसदी आरक्षण देने वाला नारी शक्ति वंदन बिल लोकसभा में दो तिहाई बहुमत से आज पास हुआ। आज राज्यसभा में होगी चर्चा

(न्यूज़लाइवनाउ-Delhi): महिला आरक्षण विधेयक ‘ नारी शक्ति वंदन बिल ‘ लोकसभा में पास हो गया है। आरक्षण विधेयक लोकसभा में भारी बहुमत से पारित हो गया है। इसके समर्थन में 454 और विपक्ष में सिर्फ 2 वोट पड़े। लोकसभा ने बुधवार को ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ को मंजूरी दे दी जिसमें संसद के निचले सदन और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत सीट महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है। इससे संबंधित ‘संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023’ पर निचले सदन में करीब 8 घंटे की चर्चा और विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल के जवाब के बाद मत विभाजन के जरिए इसे स्वीकृति दी गई। अब आज राज्यसभा में इस बिल पर बहस है।

भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र के तीसरे दिन ये विधेयक पास हुआ। मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने 2008 में इस विधेयक को राज्यसभा में पेश किया, जहां 2010 में यह पारित हो गया् हालांकि, यह कभी भी लोकसभा में चर्चा के लिए नहीं पहुंचा था। अब दशकों की कोशिशों के बाद आखिरकार महिला आरक्षण बिल को लोकसभा से मंजूरी मिल गई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारी समर्थन के साथ विधेयक के पारित होने की सराहना की। पीएम ने सभी दलों के सांसदों को उनके वोट के लिए धन्यवाद दिया. पीएम ने एक्स पर पोस्ट किया, “मैं सभी पार्टियों के सांसदों को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने इस विधेयक के समर्थन में मतदान किया। नारी शक्ति वंदन अधिनियम एक ऐतिहासिक कानून है, जो महिला सशक्तीकरण को और बढ़ावा देगा और हमारी राजनीतिक प्रक्रिया में महिलाओं की और भी अधिक भागीदारी को सक्षम करेगा।

जानकारी के मुताविक ये कानून तुरंत लागू होने नहीं होने जा रहा है। महिला आरक्षण विधेयक के पारित होने पर निर्वाचन क्षेत्रों के पहले परिसीमन के बाद ही महिला आरक्षण लागू किया जा सकता है। ऐसा 2027 में होने की संभावना है, क्योंकि परिसीमन अगली जनगणना के बाद ही किया जाता है। इसलिए, बिल 2029 तक लागू नहीं हो सकता है।

बिल आज राज्यसभा में पेश किया जाएगा। जानकारों की मानें तो राज्‍यसभा में भी इसे किसी बाधा का सामना नहीं करना पड़ेगा। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा करने वाले हैं। भाजपा की ओर से चौदह महिला सांसदों और मंत्रियों द्वारा विधेयक पर बहस करने की उम्मीद है।

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