काले धन पर सुप्रीम कोर्ट की एसआईटी ने अपनी पांचवीं रिपोर्ट कोर्ट में जमा करा दी है. एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में कई अहम सिफारिशें की है. जिसमें सबसे प्रमुख ये है कि 3 लाख तक का ही लेन-देन कैश में करने की इजाजत देने की बात कही गई है. इससे ऊपर का कोई भी लेन-देन कैश में करना गैरकानूनी के दायरे में रखने की सिफारिश की गई है.
कैश रखने की सीमा 15 लाख रुपये तक ही
एसआईटी की रिपोर्ट के मुताबिक कैश रखने की ऊपरी सीमा 15 लाख रुपये तक निर्धारित की जाए. अगर किसी वजह से किसी व्यक्ति या उद्योग के लिए इससे ज्यादा कैश रखना जरूरी हो तो ऐसे हालात में आयकर विभाग से इजाजत लेना जरूरी होगा.
ब्लैक मनी रखने वालों को राहत
इसके अलावा मोदी सरकार की इनकम डिस्कलोजर स्कीम 2016 के तहत अघोषित आय की घोषणा करने वाले अब ब्याज और जुर्माने की रकम तीन किश्तों में चुका सकते हैं. बाकायदा कालाधन रखने वालों को 1 जून से शुरू चार माह की विंडो दी गई है.
इस स्कीम के तहत 45 फीसदी टैक्स चुकाकर अघोषित आय को वैध किया जा सकता है. साथ ही सरकार उससे नहीं पूछेगी कि उसने यह धन कहां से अर्जित किया है. काला धन घोषित करने वाले व्यक्ति का नाम भी गुप्त रखा जाएगा.