तीस्ता सीतलवाड़ को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं, सुप्रीम कोर्ट के तीन न्यायाधीशों की पीठ करेगी सुनवाई

जजों ने इस मामले को बड़ी बेंच को भेज दिया है। उचित पीठ के गठन के लिए केस CJI के सामने रखा जएगा। बता दें फर्जी दस्तावेज तैयार करने के आरोप में गुजरात हाईकोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। HC से राहत नहीं मिलने पर उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया था। तीस्ता सीतलवाड की जमानत के मामले में एक विशेष बैठक में, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई, एएस बोपन्ना और दीपांकर दत्ता की तीन-न्यायाधीशों की पीठ नियमित जमानत याचिका खारिज करने के गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की याचिका पर रात 9.15 बजे से सुनवाई कर रही है।

(एन एल एन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): गुजरात हाईकोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद तीस्ता सीतलवाड़ को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। जजों ने इस मामले को बड़ी बेंच को भेज दिया है। उचित पीठ के गठन के लिए केस CJI के सामने रखा जएगा। बता दें फर्जी दस्तावेज तैयार करने के आरोप में गुजरात हाईकोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। HC से राहत नहीं मिलने पर उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया था। तीस्ता सीतलवाड की जमानत के मामले में एक विशेष बैठक में, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई, एएस बोपन्ना और दीपांकर दत्ता की तीन-न्यायाधीशों की पीठ नियमित जमानत याचिका खारिज करने के गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की याचिका पर रात 9.15 बजे से सुनवाई कर रही है। तीस्ता सीतलवाड पर 2002 के गुजरात दंगों के संबंध में कथित तौर पर सबूत गढ़ने का आरोप लगा है। गुजरात हाई कोर्ट ने सीतलवाड को तुरंत सरेंडर करने को कहा है।

गुजरात दंगों से जुड़े एक केस में सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया की याचिका खारिज कर दी थी। एहसान की दंगों में मौत हो गई थी। सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि जाकिया की याचिका मेरिट नहीं है। इसके लिए तीस्ता दोषी हैं। उन्होंने अपने फायदे के लिए भावनात्मक रूप से जाकिया का इस्तेमाल किया है।

आज ही शाम को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अभय एस ओका और प्रशांत कुमार मिश्रा की दो-न्यायाधीशों की पीठ ने उन्हें अंतरिम सुरक्षा देने पर असहमति जताई और मामले को एक बड़ी पीठ के गठन के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश के पास भेज दिया था। तीस्ता सीतलवाड की ओर से वरिष्ठ वकील सीयू सिंह ने बहस शुरू की।

Comments are closed.