(न्यूज़लाइवनाउ-Iran) गुरुवार को रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान के सर्वोच्च नेता के बयानों का सम्मान किया जाना चाहिए, जिन्होंने बार-बार यह स्पष्ट किया है कि ईरान का परमाणु हथियार विकसित करने का कोई इरादा नहीं है।
बुधवार को, जब ईरान और इज़राइल के बीच संघर्षविराम हुआ, उसी दिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भविष्य में जब ईरान और अमेरिका के बीच बातचीत होगी, तो परमाणु कार्यक्रम पर कोई समझौता संभव है। इसी सिलसिले में अब रूस की ओर से भी अहम प्रतिक्रिया आई है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने 26 जून 2025 को कहा कि रूस यह चाहता है कि तेहरान अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के साथ सहयोग बनाए रखे।
ईरान करेगा IAEA से सहयोग को स्थगित
25 जून 2025 को ईरान की संसद ने एक विधेयक पारित किया है, जिसके अंतर्गत IAEA के साथ सहयोग को स्थगित किया जाएगा। यह निर्णय इज़राइल और अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु स्थलों पर किए गए हवाई हमलों के जवाब में आया है। इन हमलों का उद्देश्य ईरान को परमाणु हथियार प्राप्त करने से रोकना बताया गया।
ईरान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह IAEA के साथ अपने सहयोग को लेकर अब कोई पहल नहीं करेगा। रूस, जो ईरान का रणनीतिक सहयोगी है, ने अमेरिका और इज़राइल की कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा है कि तेहरान को शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम चलाने का पूरा अधिकार है।
लावरोव ने स्पष्ट किया कि ईरानी संसद के पास कोई कार्यकारी अधिकार नहीं है, इसलिए उसका पारित विधेयक केवल सुझाव की प्रकृति का है। उन्होंने प्रेस वार्ता में कहा, “हम यह चाहते हैं कि ईरान और IAEA के बीच सहयोग कायम रहे।” साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा, “हर देश को ईरान के सर्वोच्च नेता के विचारों का सम्मान करना चाहिए, जिन्होंने बार-बार कहा है कि ईरान न तो परमाणु हथियार बनाएगा और न ही ऐसी कोई योजना है।”
Comments are closed.