(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): थाइलैंड की संवैधानिक अदालत ने शुक्रवार को फैसला दिया कि प्रधानमंत्री प्रयुथ चान ओचा अपने पद पर बने रह सकते हैं। अदालत ने कहा कि प्रयुथ चान-ओचा ने पद पर बने रहने की आठ साल की वैध समय सीमा को पार नहीं किया है, इसलिए वह पद पर बने रह सकते हैं। थाईलैंड के विपक्षी सांसदों ने प्रधानमंत्री और पांच अन्य कैबिनेट मंत्रियों पर आर्थिक संकट, कोरोना से निपटने और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। विपक्षी दलों के सांसदों ने अदालत में याचिका दाखिल करके कहा है, कि प्रयुथ ने प्रधानमंत्री के कार्यकाल के लिए आठ साल की तय अवधि का उल्लंघन किया है, जिसे थाईलैंड के वर्ष 2017 के संविधान में पहली बार शामिल किया गया था।
तत्कालीन सेना जनरल प्रयुथ ने मई 2014 में सैन्य सरकार में प्रयुथ आधिकारिक रूप से प्रधानमंत्री बन गये थे। और वर्ष 2019 में उन्हें दोबारा प्रधानमंत्री पद के लिए नामित किया गया था। वर्ष 2014 को शुरुआती तिथि मानें तो उन्होंने पिछले महीने ही वैध कार्यकाल की सीमा पूरा कर ली होगी। प्रधानमंत्री प्रयुथ के समर्थकों की दलील है कि कार्यकाल की समयसीमा से जुड़ा संविधान का प्रावधान छह अप्रैल 2017 को लागू हुआ था इसलिए उनके कार्यकाल की अवधि उस तारीख से गिनी जानी चाहिए।
थाईलैंड के मीडिया में ऐसी खबरें आई थीं कि सेना द्वारा समर्थित सत्तारूढ़ दल के महासचिव ओचा को अपदस्थ करने के प्रयासों का नेतृत्व कर रहे हैं और मुख्य विपक्षी दल को गठबंधन में शामिल करने की कोशिश भी कर रहे हैं। सत्तारूढ़ गठबंधन के स्वरूप को लेकर तरह-तरह की अटकलों के बीच थाईलैंड के प्रधानमंत्री चान-ओचा ने संसद में विश्वास मत हासिल कर लिया है।