आज राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की बैठक के बाद इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे का फैसला तय होने की उम्मीद है

(न्यूज़लाइवनाउ-Bihar) आज से दूसरे चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो रही है, लेकिन अब तक पहले चरण की सीटों पर भी इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल नहीं किया है।

इसकी वजह सीटों के बंटवारे पर सहमति न बन पाना है। हालांकि, आज इस पर तस्वीर साफ होने की पूरी संभावना है। वहीं विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी भी दिल्ली पहुंच चुके हैं।

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में सीटों का बंटवारा तय हो चुका है, अब सबकी निगाहें इंडिया गठबंधन पर टिकी हैं। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव दिल्ली में मौजूद हैं। कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता भी दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। आज कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की अहम बैठक होने वाली है, जिसके बाद शाम तक सीट वितरण का ऐलान किया जा सकता है।

पार्टी करीब 70 सीटों पर दावेदारी कर रही

सूत्रों के मुताबिक, कई सीटों पर कांग्रेस और राजद के बीच मतभेद अब भी बरकरार हैं। कांग्रेस ने इस बार अपनी अलग रणनीति अपनाने की तैयारी कर ली है। 2020 के विधानसभा चुनावों की तरह, पार्टी करीब 70 सीटों पर दावेदारी कर रही है। कांग्रेस ने संभावित उम्मीदवारों की सूची भी लगभग अंतिम रूप दे दिया है, जिस पर केंद्रीय चुनाव समिति की मुहर लगनी बाकी है। वहीं राजद और वामदलों ने कांग्रेस को 70 सीटें देने पर सहमति नहीं जताई है।

संभावना जताई जा रही है कि राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी के बाद लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव की मुलाकात राहुल गांधी से होगी। इस मुलाकात के बाद बिहार में इंडिया गठबंधन के सीट बंटवारे का फार्मूला अंतिम रूप ले सकता है। दिल्ली पहुंचने पर लालू प्रसाद ने पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि कांग्रेस के साथ बातचीत जारी है। उधर, राजद और कांग्रेस के कई प्रत्याशियों ने अपने नामांकन की तैयारी भी शुरू कर दी है।

इस बीच, वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी भी दिल्ली पहुंच चुके हैं और उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन के सभी शीर्ष नेता दिल्ली में मौजूद हैं, जहां वार्ता जारी है। उन्होंने टिप्पणी की कि “महागठबंधन थोड़ा बीमार है, लेकिन सभी डॉक्टर दिल्ली में हैं।”

दूसरी ओर, राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) ने साफ कर दिया है कि वह अब इंडिया गठबंधन का हिस्सा नहीं है। पार्टी प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा कि उनकी पार्टी की एआईएमआईएम और आजाद समाज पार्टी से बातचीत चल रही है, और जल्द ही बिहार में एक “तीसरे मोर्चे” का गठन हो सकता है। सूत्रों के अनुसार, राजद चाहती थी कि रालोजपा का विलय उसकी पार्टी में हो, लेकिन पारस और उनके वरिष्ठ नेताओं ने इससे इंकार कर दिया।

उधर, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने भी इंडिया गठबंधन पर दबाव बढ़ा दिया है। झामुमो ने कहा है कि बिहार की 12 से 15 सीटें ऐसी हैं, जहां अगर उन्हें मौका दिया जाए तो जीत तय है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सीट बंटवारे में उनके साथ न्याय नहीं हुआ, तो पार्टी 12 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।

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