रिपोर्ट (नंदिनी राठौर): न्यूज़ लाइव नाउ , तीर्थन घाटी, कुल्लू (हिमाचल प्रदेश) : शुक्रवार, 8 अगस्त 2025, सायं 5:45 बजे हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले की तीर्थन घाटी में स्थित विश्व प्रसिद्ध ‘कुरुकुल्ला देवी मंदिर’ को भारी बारिश के चलते गंभीर नुकसान हुआ है।
कोटला के जोगनिधार क्षेत्र में स्थित इस सिद्धपीठ की मंदिर-भूमि का बड़ा हिस्सा शुक्रवार शाम को भूस्खलन के कारण नीचे धंस गया। भारी कटाव के बावजूद मंदिर की मुख्य संरचना चमत्कारिक रूप से सुरक्षित बनी हुई है। मुख्य मंदिर को कोई हानि नहीं पहुंची है। मंदिर बाहर और अंदर दोनों और से पूर्ण सुरक्षित है।
गौरतलब है कि हिमालयी क्षेत्रों में पिछले डेढ़ महीने से मूसलधार बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने कहर मचा रखा है। हिमाचल, उत्तराखण्ड में भारी नुक्सान हुआ है। इसी श्रृंखला में आज का यह हादसा सामने आया है, जिसने लाखों श्रद्धालुओं को चिंता में डाल दिया है।

कुल क्षति का अनुमान करोड़ों में लगाया जा रहा है। मंदिर के समीप की दीवारें, साथ लगती भूमि और स्थानीय लोगों की संपत्तियाँ भी प्रभावित हुई हैं। मंदिर तक पहुंचने वाली तीनों मुख्य सड़कें भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं, जिससे राहत कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है।
इससे पूर्व 26 जुलाई को भी मंदिर की अस्थायी सराय पर भारी चट्टानों और मलबे का गिरना दर्ज किया गया था।
शुक्र है कि किसी प्रकार की जनहानि की सूचना नहीं है।

मंदिर की स्थिति का जायज़ा लेने के लिए कौलान्तक पीठ की टीम आज देर शाम पैदल ही मौके पर पहुंची। पीठ की ओर से महायोगी सावर्णी नाथ जी ने ‘न्यूज़ लाइव नाउ’ को बताया:
‘कौलान्तक पीठ’ ने स्थानीय प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से अपील है कि वे शीघ्र सड़क बहाली के कार्यों के लिए उचित कदम उठाएं। श्रद्धालुओं से अपील की जाती है कि वे अगली सूचना तक ‘कुरुकुल्ला मंदिर’ व तीर्थन घाटी की यात्रा न करें।
यह एक विकासशील समाचार है, अधिक जानकारी की प्रतीक्षा करें।
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