महंगाई के मार झेल रहे पाकिस्तान में अब रोटी को लेकर हाहाकार मच गया है, PFMA ने खोला राज

इस बीच पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से मिलने वाली अति आवश्यक मदद भी अटकी पड़ी है और पाकिस्तान की मुद्रा स्फीति दर लगातार बढ़ती जा रही है। पाकिस्तान में आटे की किल्लत बढ़ गई है। कराची में एक संवाददाता सम्मेलन में पाकिस्तान फ्लोर मिल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष चौधरी आमिर अब्दुल्ला ने कहा कि सिंध सरकार आटा मिलों को उतनी मात्रा में गेहूं की आपूर्ति नहीं कर रही है, जितना उसने वादा किया था।

(एन एल एन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): महंगाई की मार झेल रहे पाकिस्तान में गेहूं के आटे की किल्लत और बढ़ गई है। पाकिस्तान PFMA ने इसके पीछे की वजह का खुलासा किया है और कहा है कि आटा मिलों को घरेलू मांग को पूरा करने के लिए आवश्यक गेहूं नहीं मिल पा रहा है जिससे यह संकट बढ़ा है। इस बीच पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से मिलने वाली अति आवश्यक मदद भी अटकी पड़ी है और पाकिस्तान की मुद्रा स्फीति दर लगातार बढ़ती जा रही है। पाकिस्तान में आटे की किल्लत बढ़ गई है। कराची में एक संवाददाता सम्मेलन में पाकिस्तान फ्लोर मिल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष चौधरी आमिर अब्दुल्ला ने कहा कि सिंध सरकार आटा मिलों को उतनी मात्रा में गेहूं की आपूर्ति नहीं कर रही है, जितना उसने वादा किया था। पिछले दो हफ्ते पहले, सिंध खाद्य विभाग ने गेहूं के आटे की कमी से बचने के लिए सिंध प्रांत की 92 मिलों को 50 लाख गेहूं बैग की आपूर्ति करने का वादा किया था, लेकिन मिला ही नहीं।

पीएफएमए प्रमुख ने बताया कि गेहूं की अनुपलब्धता के कारण करीब 30 से 40 प्रतिशत मिलों ने काम करना बंद कर दिया है। कराची की आधी आटा चक्कियों में गेहूं खत्म हो गया है, बाकी चक्कियां सिर्फ 3 से 4 घंटे आटा पीस रही हैं। उन्होंने कहा कि घरेलू मांग को पूरा करने और कमी से बचने के लिए बिना किसी रुकावट के सिंध से कराची तक गेहूं की आवाजाही की अनुमति दी जानी चाहिए। अगर हमारी जायज मांगें नहीं मानी गईं तो हम कुछ दिन बाद अपनी अगली कार्ययोजना की घोषणा करेंगे। पीएफएमए के उपाध्यक्ष हनीफ थारा ने कहा कि कराची में आटे की कमी है और गेहूं के दाम धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं। उन्होने कहा कि 48 घंटे के अंदर गेहूं की आपूर्ति नहीं हुई तो अगले सप्ताह आटे की कीमत 200 रुपए किलो तक पहुंच जाएगी। अभी इसकी कीमत 120 से 135 रुपये किलो है। उन्होंने कहा कि आटा मिलों में एक-दो दिन का गेहूं का स्टॉक है और शहर की सभी मिलें दो मई से गेहूं नहीं मिलने के कारण बंद हो जाएंगी। पीएफएमए के अध्यक्ष चौधरी आमिर अब्दुल्ला ने घरेलू मांग को पूरा करने के लिए गेहूं के आयात का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि घरेलू बाजार की तुलना में अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं सस्ता है। रूस से 93 रुपये प्रति किलो गेहूं आयात किया जा सकता है जबकि स्थानीय गेहूं 120 रुपये प्रति किलो है।

 

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