यूक्रेन को जर्मनी के बाद मिली अमेरिका की मदद, रूस ने बदली युद्ध की रणनीति
करीब 11 महीने से चल रहा रूस और यूक्रेन युद्ध अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सका है। जनवरी के आरंभ से ही रूस यूक्रेन पर दोबारा हावी होता जा रहा था। रूस का दावा था कि वह जल्द ही यूक्रेन को हरा देगा।
(एन एल एन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): करीब 11 महीने से चल रहा रूस और यूक्रेन युद्ध अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सका है। जनवरी के आरंभ से ही रूस यूक्रेन पर दोबारा हावी होता जा रहा था। रूस का दावा था कि वह जल्द ही यूक्रेन को हरा देगा। इधर टैंकों और हथियारों की कमी से जूझते यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की का हौसला भी जवाब दे रहा था। वहीं पुतिन की सेना यूक्रेन के शहरों को घातक मिसाइलों और बम हमलों से खंडहर में बदलती जा रही थी। यूक्रेन के शहरों पर दोबारा रूस ने कब्जा करना शुरू कर दिया था। रूस को जीत की ओर बढ़ते देखकर अमेरिका और यूरोपीय देशों में हड़कंप मच गया। यूक्रेन टैंकों और हथियारों के लिए पश्चिमी देशों से गुहार लगाता रहा, लेकिन पुतिन की वार्निंग स्पष्ट थी कि जिसने भी यूक्रेन की मदद की, वह रूस का सबसे बड़ा दुश्मन होगा। लिहाजा यूक्रेन को लैपर्ड-2 टैंक देने का वादा करके भी जर्मनी हिचकिचा रहा था। इस बीच अमेरिका ने जब 2.5 अरब डॉलर का रक्षा पैकेज यूक्रेन को दिया तो जर्मनी पर लैपर्ड टैंक देने का दबाव फिर से बढ़ गया।
यूक्रेन को उन्नत टैंक भेजने के साथ ही जर्मनी और संयुक्त राज्य अमेरिका की तरफ से इस हालिया कदम के लिए मॉस्को की आलोचना की गई है। बता दे कि यूक्रेन के खिलाफ अपने युद्ध को रूस “एक अलग चरण” में ले गया है। वो नागरिकों और गैर सैन्य ठिकानों पर अंधाधुंध हमले कर रहा है। यूरोपियन यूनियन की यूरोपियन एक्सटर्नल एक्शन सर्विस के महासचिव स्टीफानो सनिनो ने यूक्रेन में सैन्य उपकरणों को भेजने के जर्मनी और अमेरिकी प्रावधानों का बचाव किया। उन्होंने नाटो और पश्चिम पर युद्ध छेड़ने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आलोचना की।
रूस ने युद्ध को एक अलग चरण में ले जाना शुरू किया है। रूस अब नागरिकों और शहरों पर “अंधाधुंध हमले” कर रहा है और अब सैन्य लक्ष्य नहीं बना रहा है।” उन्होंने ये भी कहा कि यूरोपीय संघ युद्ध को एक अलग चरण में नहीं ले जा रहा है। वो बस जान बचाने में मदद कर रहा है। यूक्रेन के लोग को इन बर्बर हमलों से बचाव करने सक्षम होंगे।