नित्यानंद का काल्पनिक देश कैलासा पर संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रिया ,कहा काल्पनिक देश के बयान को करेंगे नज़रअंदाज़

सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है जिसमें एक भगोड़े भारतीय गुरू के प्रतिनिधि संयुक्त राष्ट्र की एक बैठक में भाषण दे रहे हैं। ये प्रतिनिधि स्वयं को कैलासा नाम के एक काल्पनिक देश का प्रतिनिधि बताती हैं।

(एन एल एन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है जिसमें एक भगोड़े भारतीय गुरू के प्रतिनिधि संयुक्त राष्ट्र की एक बैठक में भाषण दे रहे हैं। ये प्रतिनिधि स्वयं को कैलासा नाम के एक काल्पनिक देश का प्रतिनिधि बताती हैं। अब संयुक्त राष्ट्र ने इस मामले में अपना रुख स्पस्ट किया है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि वो जिनेवा में हुए उसके दो कार्यक्रमों में एक भगोड़े भारतीय गुरु के काल्पनिक देश के प्रतिनिधि की बातों को नज़रअंदाज़ करेगा। एक अधिकारी ने कहा कि जिन विषयों पर बैठक में चर्चा हो रही थी उसके हिसाब से प्रतिनिधि का भाषण अप्रासंगिक था।

नित्यानंद अपने ऊपर लगे अभियोगों का खंडन करते आये है। उन्होंने साल 2019 में यूनाइटेड स्टेट ऑफ़ कैलासा (यूएसके) नामक एक काल्पनिक देश की स्थापना की थी। “यूएसके के प्रतनिधि ने फ़रवरी में जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र के दो कार्यक्रमों को अटैंड किया था।” पहला कार्यक्रम महिलाओं की निणार्यक पदों पर भागीदारी के बारे में था। उसका आयोजन कमिटी ऑन इलिमिनेशन ऑफ़ डिस्क्रिमिनेशन अगेंस्ट वूमैन (सीईडीएडब्ल्यू) ने किया था. ये कार्यक्रम 22 फ़रवरी को हुआ था। इसके बाद 24 फ़रवरी को एक बार फिर यूएसके के प्रतिनिधि ने संयुक्त राष्ट्र की एक बैठक में हिस्सा लिया था। उस बैठक में विकास की दिशा के बारे में चर्चा हो रही थी।

उच्चायुक्त विवियन क्वॉक ने कहा, यूएन की मानवाधिकार के लिए है कि संयुक्त राष्ट्र की ये आम बैठकें होती हैं जिनमें कोई भी व्यक्ति अपने विचार रख सकता है। विवियन क्वॉक ने कहा कि यूएसके के प्रतिनिधि के विचारों को अंतिम रिपोर्ट में शामिल नहीं किया जाएगा क्योंकि जिस विषय पर बैठक हो रही थी उसके अनुसार उनके विचार अप्रासंगिक थे। उच्चायुक्त ने ये भी कहा कि दूसरी बैठक में व्यक्त किए गए विचार भी अंतिम रिपोर्ट का हिस्सा नहीं होंगे।

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