कश्मीर में पाकिस्तान की ओर से आतंकवादियों की हथियार सप्लाइ हुई बंद : सेना
लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने कहा कि पाकिस्तान घाटी में सक्रिय आतंकवादियों को हथियारों की सप्लाइ नहीं कर पा रहा है। इस वजह से घाटी के आतंकी अपने नापाक मंसूबों के लिए पुलिसकर्मियों के हथियारों को छीनने की कोशिश करते हैं।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद कश्मीर में आतंकवादियों की हालत लगातार खराब होती जा रही है। सुरक्षाबलों की मुस्तैदी के चलते पाक में बैठे आतंक के आकाओं के घाटी में हथियार भेजने के सारे रास्ते बंद हो गए हैं। ऐसे में अब पाक आतंकी नए पैंतरे आजमा सकते हैं। सेना के उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने शुक्रवार को बताया कि कश्मीर में आतंकवादी हथियारों की कमी का सामना कर रहे हैं और इसी कारण वे विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) और पुलिस थानों से हथियार छीनने या लूटपाट करने की कोशिश करते हैं। लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने कहा कि पाकिस्तान घाटी में सक्रिय आतंकवादियों को हथियारों की सप्लाइ नहीं कर पा रहा है। इस वजह से घाटी के आतंकी अपने नापाक मंसूबों के लिए पुलिसकर्मियों के हथियारों को छीनने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस वक्त घबराहट की स्थिति में है और वह हथियार भेजने के लिए अलग-अलग रास्ते खोज रहा है। मीडियाकर्मियों से बातचीत में सिंह ने घाटी में अफगान आतंकवादियों के घुसपैठ की खबर को खारिज किया। सैन्य कमांडर ने कहा कि आतंकवादी हथियारों की कमी का सामना कर रहे हैं इसलिए वे एसपीओ से हथियार छीनने या पुलिस थानों से उन्हें लूटने की कोशिश करते हैं। नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर और लॉन्च पैड के बारे में पूछे जाने पर नॉदर्न कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने कहा, ‘हमलोग एलओसी पर स्वयं घुसपैठ की मुहिम को नाकाम करने सक्षम हैं। यह बहुस्तरीय मुहिम है। अगर वे (आतंकवादी) पहला घेरा पार कर जाते हैं तो उन्हें दूसरे घेरे में पकड़ लिया जाएगा या हो सकता है उसके बाद के घेरे में पकड़े जा सकते हैं।’ उन्होंने कहा कि चूंकि जम्मू कश्मीर में एलओसी के पास बहुत मजबूत आतंकवाद रोधी घेरा है इसलिए घुसपैठ देश की अन्य सीमाओं से होते रहे हैं। बाद में उन्होंने कहा कि आतंकवादी लखनपुर से जम्मू कश्मीर में घुसने की कोशिश करते हैं। सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में सेना के कमांडर ने कहा, ‘यह (सर्जिकल स्ट्राइक) विकल्प भारतीय सेना के पास हमेशा से उपलब्ध रहा है।’ उन्होंने कहा कि कौन से विकल्प का कब इस्तेमाल किया जाएगा और सेना इसे किस तरह से इस्तेमाल करेगी, यह स्थिति पर निर्भर करेगा। सेना किसी भी तरह की चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है, जो हालात और मौके पर निर्भर करता है। पंजाब से सटे सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन दिखने की घटना के बाद यह टिप्पणी आई है। खुफिया विभाग के सूत्रों के अनुसार पाकिस्तानी ड्रोन की मदद से पंजाब में करीब 10 किलोग्राम विस्फोटक, गोला बारूद और संचार के उपकरणों की तस्करी हुई है। वहीं शीर्ष सैन्य अधिकारियों के मुताबिक आर्टिकल 370 के बाद से पाकिस्तानी एजेंसी लगातार जम्मू और कश्मीर में आतंकी हमला और स्थिति खराब करने की कोशिश में लगी हुई है। एलओसी पर पाकिस्तान ने 20 आतंकी कैंपों और लॉन्चपैड ऐक्टिव कर दिए हैं। उनकी कोशिश है कि ठंड शुरू होने से पहले आतंकी भारत में घुसपैठ कर जाएं।