वो मेरा एनकाउंटर करना चाहते थे: साध्वी प्रज्ञा।

जेल में दी गई यातनाओं की आपबीती सुनाते हुए भावुक साध्वी प्रज्ञा बातचीत के दौरान कई रो दीं।

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : भोपाल की भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा है कि वो मेरा एनकाउंटर करना चाहते थे। भोपाल में कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान भावुक हुईं प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि 24 दिन तक मैं केवल पानी पीकर रही। बिना अन्न का एक दाना खाए। बातचीत के दौरान उनका दर्द छलक पड़ा। उन्होंने कहा कि वो मुझे खत्म कर देना चाहते थे। भावुक साध्वी ने कहा कि हर बार मुझसे केवल एक ही सवाल पूछा जाता था। तुमने मालेगांव में बम विस्फोट किया है, तुमने मुसलमानों को मारा है। पूछने के लिए कोई दूसरा सवाल नहीं था। फिर कहा- तुम आतंकवादी हो, आरएसएस आतंकवादी संगठन हैं। जेल में दी गई यातनाओं की आपबीती सुनाते हुए भावुक साध्वी प्रज्ञा बातचीत के दौरान कई रो दीं। साध्वी प्रज्ञा बोलीं, ” हर बार एक ही सवाल पूछा जाता था, तुमने मालेगांव में बम विस्फोट किया है। मुसलमानों को मारा है। तुमने विस्फोट किया है, तुम आतंकवादी हो, आरएसएस आतंकवादी संगठन है। 24 दिन तक केवल पानी पीकर रही, अन्न का एक दाना भी नहीं खाया है। लेकिन उन्हें पता नहीं था कि देशभक्तों की ताकत क्या है। ” हिंदू आतंकवाद के सवाल पर प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि ये नाम दिग्विजय सिंह ने दिया है जो कि गलत है और अब वह खुद ही हिंदू होने का नाटक कर रहे हैं। आतंकवाद को धर्म दिग्विजय सिंह ने बनाया। दिग्विजय सिंह आतंकवादियों को श्री और जी लगाकर सम्मान देते हैं। विदेशी आतंकवादी जो पाकिस्तान और अन्य देशों से आते हैं उनका प्रचार-प्रसार दिग्विजय सिंह करते हैं और यही वजह है कि सच्चे देशभक्त भी उन्हें आतंकवादी नजर आते हैं। प्रज्ञा ने कहा, “वह मुझे मोटे बेल्ट से मारते थे, जिसमें लकड़ी की मूठ लगी होती थी। सुबह, शाम और रात को उसी बेल्ट से मारा जाता था। जब वह लगती थी तो नर्वस सिस्टम शून्य पड़ जाता था। और ये सिलसिला कई दिनों तक चलता रहा। मैं सोचती थी, मुझे मार दोगे, पीट दोगे, खत्म कर दोगे, लेकिन मैं जो कर रही हूं, वह राष्ट्र को बचाने के लिए है।” मैंने उनसे कहा- मैंने संन्यासी जीवन बिताया है । मैं मेरी नहीं हूं, मेरा कुछ भी नहीं है और जो कुछ भी है वह देश का है। इसे मेरी भावुकता मत समझिएगा, मैं यहां आपको जगाने आई हूं, जाग जाइए। वरना ये विधर्मी आ जाएंगे, इन देशद्रोहियों के कारण राष्ट्र संकट में है। ये भगवा को आतंक कहते हैं। मुझे हर तरह से प्रताड़ित किया गया। तीन बार नारको टेस्ट किया गया। तीन बार पॉलीग्राफी टेस्ट। ये साधारण टेस्ट नहीं होते हैं, इसमें केमिकल को शरीर के अंदर डाल दिया जाता है। मेरा जख्मी हाथ नमक मिले पानी में डाल देते थे। उन्होंने कहा कि किसी महिला को बगैर किसी पुरुष से अलग करके अपने साथ रख लेते हैं। उनका इशारा दिग्विजय सिंह की ओर था। लेकिन इस बातचीत में उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया। उमर अब्दुल्ला के बयान पर साध्‍वी का कहना था कि निश्चित ही ये लोग तिलमिलाएंगे क्योंकि इनके कुकर्मो का प्रत्यक्ष प्रमाण मैं हूं।

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