आतंकियों के मारे जाने पर कांग्रेस के बड़े नेताओं की आंखों में आंसू आ जाते थे – पीएम मोदी
मोदी का बंगाल में कहा- सैनिकों की वीरता के नहीं, चिटफंड घोटाले और घुसपैठियों के सबूत खोजें
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बिहार के अररिया में जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हमने आतंकियों को घर में घुसकर मारा। आतंकियों के मारे जाने पर कांग्रेस के बड़े नेताओं की आंख में आंसू आ जाते थे। इससे पहले उन्होंने प.बंगाल के बालुरघाट में कहा कि दीदी, अगर सबूत ही खोजने हैं तो चिटफंड घोटाले और घुसपैठियों के सबूत खोजो, सैनिकों की वीरता के सबूत खोजना बंद करो। मोदी आज उत्तरप्रदेश में एटा और बरेली में भी रैली करेंगे।मोदी ने अररिया में कहा, “बंगाल के बाद यह दूसरा ऐसा जनसैलाब है। आप लोग रैली में इतना गर्मी में तप रहे हैं। आपकी यह तपस्या खाली नहीं जाएगी। मैं इसे ब्याज समेत लौटाऊंगा। यह फणीश्वरनाथ रेणु की धरती है। उनके पोते ने मुझे उनकी किताब मैला आंचल दी। उसमें एक वाक्य लिखा है- ‘मैं साधना करूंगा ग्रामवासिनी भारत मां के मैले आंचल तले।’ इस वाक्य के पीछे जो प्रेरणा है, वह हम सबके लिए महत्वपूर्ण हैं। जिन्हें भारत माता से दिक्कत होगी, जो ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ नारा लगाने वालों के साथ जाकर खड़े हो जाते हैं, वे भारत के विकास के लिए साधना कैसे कर पाएंगे। खुद को मां भारती के लिए खपा भी कैसे पाएंगे।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “जब सत्ताभोग और परिवार का विकास ही लक्ष्य हो जाता है। तो हर जगह कलह और बंटवारा दिखाई देता है। बिहार में तो यह साफ नजर आ रहा है। आज देश में एक तरफ वोट भक्ति की राजनीति है, तो दूसरी तरफ देशभक्ति की। देशभक्ति की राजनीति क्या होती है वो पहले आपने उड़ी और फिर पुलवामा हमले के बाद देखा। भारत ने आतंकियों को घुस कर मारा भी और पाकिस्तान को अलग-थलग भी कर दिया। इसी तरह की वोट बैंक की राजनीति की गई थी जब दिल्ली के बाटला हाउस में हमारे वीरों ने अनेक बम धमाकों में शामिल आतंकियों को मारा था। लेकिन आतंकियों पर कार्रवाई से खुश होने के बजाय, कांग्रेस के बड़े नेताओं की आंख में आंसू आ गए थे।”मोदी ने बालुरघाट में कहा, “पूरा देश कह रहा है कि पश्चिम बंगाल में कुछ बड़ा होने वाला है। स्पीडब्रेकर दीदी को अब 23 मई के बाद समझ आ जाएगा कि जनता के साथ गुंडागर्दी करने, उनके पैसे लूटने और विकास रोकने का नतीजा क्या होता है। मैं मीडिया में देख रहा था कि कैसे सामान्य लोगों ने, हमारी बहनों ने टीएमसी के गुंडों को सबक सिखाया। उनकी धमकियों के बावजूद किसान, मजदूर, व्यापारी, माताएं-बहनें और नौजवान वोट देने निकल पड़े। बंगाल में पहले और दूसरे चरण में मतदान की जो रिपोर्ट आई है। उसने स्पीडब्रेकर दीदी की नींद पर भी लगाम लगा दिया है। इस बौखलाहट में किस तरह के जघन्य अपराध हो रहे हैं, वह भी देश देख रहा है। पुरुलिया में हमारे एक कार्यकर्ता की हत्या की गई।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “आप लोगों ने ममता दीदी पर बहुत विश्वास किया, लेकिन उन्होंने आपके मां, माटी और मानुष के नाम पर सिर्फ धोखा दिया है। यह गलती आपने ही नहीं मैंने भी की। जब मैं उन्हें टीवी पर देखता था या कभी मिलता था तो लगता था कि वो सादगी की मूर्ति हैं, बंगाल का भला चाहती हैं। लेफ्टिस्टों से बंगाल की मुक्ति चाहती हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद जब मैंने उनके काम देखे तो मेरा माथा शर्म से झुक गया। अब मैं भी उन्हें पहचान गया हूं और बंगाल का तो बच्चा-बच्चा उन्हें पहचानता है। पहले गरीबों के पसीने की कमाई नारदा, सारदा और रोजवैली ने लूट ली। फिर दीदी ने घोटालेबाजों को ही विधायक-सांसद बना दिया। आपका यह चौकीदार पाई-पाई का हिसाब लेगा। अब यह चाहे जितनी ताकत लगा लें, इंसाफ होने से नहीं रोक पाएंगे।”मोदी ने कहा, “जिस तरह बुआ-भतीजा मिलकर पश्चिम बंगाल की संस्कृति को यहां के लोगों को बदनाम कर रहे हैं वो शर्मनाक है। दीदी के पास गुंडों को देने के लिए पैसा है, लेकिन कर्मचारियों को डीए देने के लिए पैसे नहीं हैं। दिल्ली की केंद्र सरकार ने सातवां वेतन आयोग लागू कर दिया। बगल के राज्य त्रिपुरा ने भी भाजपा की सरकार बनते ही सातवां वेतन आयोग लागू कर दिया। लेकिन यहां की दीदी अब तक छठा वेतन आयोग भी लागू नहीं करती हैं। वह कहती हैं कि पश्चिम बंगाल की मॉडल पूरे देश में लागू करना चाहती हैं।”