नई दिल्ली
पतंजलि आयुर्वेद के प्रचार के लिए भले ही ब्रैंड ऐंबैसडर बाबा रामदेवकाफी हों, लेकिन कंपनी चलाने की जिम्मेदारी रामदेव के त्रिमूर्ति पर है। दावा किया जाता है कि रामदेव कंपनी के चेयरमैन, बालकृष्ण मैनेजिंग डायरेक्टर और रामदेव के छोटे भाई रामभरत कंपनी के सीईओ हैं। कहा जाता है कि पतंजलि किसी मिशन की तरह काम करती है और इसमें काम करने वालों में भी काम करने की अलग ही ऊर्जा है। आइए जानते हैं कि कंपनी को कम समय में इतना आगे ले जाने वाले त्रिमूर्ति कौन हैं।
बालकृष्ण
बाबा रामदेव के विश्वासपात्र आचार्य बालकृष्ण पतंजलि आयुर्वेद में 94 प्रतिशत हिस्सेदारी रखते हैं, लेकिन कोई सैलरी नहीं लेते। वह कहते हैं कि उन्होंने आज तक कोई छुट्टी नहीं ली और वह रोजाना 15 घंटे काम करते हैं। पतंजलि शुरू करने के लिए उन्हें 50-60 करोड़ रुपये का लोन लेना पड़ा था। अब बालकृष्ण 70 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ देश के 8वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं।
बालकृष्ण का जन्म नेपाल में हुआ और उनकी पढ़ाई हरियाणा के गुरुकुल में रामदेव के साथ हुई। 1995 में दोनों ने मिलकर दिव्य फार्मेसी की शुरुआत की और 11 साल बाद पतंजलि आयुर्वेद की। 2011 में बालकृष्ण के खिलाफ धोखाधड़ी का केस भी हुआ था जिसमें उन्हें 2 साल बाद सीबीआई ने क्लीन चिट दे दी। बालकृष्ण पतंजलि को भारत की सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनी बनाने चाहते हैं।
रामदेव के छोटे भाई राम भारत लाइमलाइट से दूर ही रहते हैं और फोटो भी नहीं खिंचवाते। उन्हें पतंजलि का बैकरूम बॉय कहा जाता है। कुछ लोग दावा करते हैं कि रामभरत कंपनी के सीईओ हैं लेकिन राम भारत अपने आप को पतंजलि टीम का सेवक बताते हैं।
रामभरत पिछले साल मई में पहली बार खबरों में तब आए थे जब उन्हें हिंसा भड़काने के आरोप में जुडिशल कस्टडी में भेजा गया था। आरोप था कि उन्होंने हरिद्वार के ट्रक यूनियन और पतंजलि फूड के पार्क के गार्डेस के बीच में लड़ाई हो गई थी। हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हुई थी और 4 घायल हुए थे।आदित्य
लंदन के किंग्स कॉलेज के पढ़े हुए आदित्य पिट्टी ग्रुप के सीईओ हैं। पिट्टी ग्रुप के आने से पहले पतंजलि ग्रुप कुछ खास तेजी से नहीं बढ़ पा रहा था। पिट्टी पतंजलि के प्रॉडक्ट्स की इकलौटी डिस्ट्रीब्यूटर है। पिट्टी ग्रुप से पार्टनरशिप के बाद ही पतंजलि ने भारत के एफएमसीजी सेक्टर में राज करने वाली विदेशी कंपनियों को टक्कर देना शुरू कर दिया।
कंपनी शुरू होने के 4 साल तक पतंजलि अपने उत्पाद केवल आरोग्य केंद्र और चिकित्सालय से बेचती थी लेकिन पिट्टी ने प्रॉडक्ट्स का डिस्ट्रीब्यूशन को उसी सीमा से निकाला। आदित्य ने बताया कि उनके पिता रामदेव और बालकृष्ण को 8-9 सालों से जानते थे। उन्होंने कहा, ‘जब मैंने पतंजलि के लिए सप्लाई चेन नेटवर्क का प्रपोजल दिया तो स्वामीजी को सहमति देने में 3 से 4 मिनट ही लगे।’