कश्मीर में असमंजस का माहौल, मोदी सरकार ने अचानक बुलाई कल कैबिनेट मीटिंग।
सुबह 9:30 बजे बुलाई गई केंद्रीय मंत्रीमंडल की बैठक में क्या फैसला होगा, इसका बेसब्री से इंतजार होने लगा है। उससे पहले आज बीजेपी के महासचिवों की बैठक बुलाई गई है।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : केंद्र में मोदी सरकार ने अचानक सोमवार को कैबिने मीटिंग बुलाई है। मोदी सरकार नेअचानक सोमवार को अचानक केंद्रीय कैबिनेट की मीटिंग बुलाई है। इससे कश्मीर पर चौतरफा लग रहे कयासों को बल मिल सकता है। खबर आई है कि मोदी कैबिनेट कल संसद सत्र से पहले मीटिंग करेगी। सुबह 9:30 बजे बुलाई गई केंद्रीय मंत्रीमंडल की बैठक में क्या फैसला होगा, इसका बेसब्री से इंतजार होने लगा है। उससे पहले आज बीजेपी के महासचिवों की बैठक बुलाई गई है। क्या इसका भी कल की कैबिनेट मीटिंग या फिर कश्मीर को लेकर लग रहे कयासों से कोई लेना-देना है? इसका कोई स्पष्ट जवाब ढूंढ पाना मुश्किल है। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में बड़ी संख्या में अतिरिक्त अर्ध-सैनिक बलों की तैनाती और एक के बाद कई अडवाइजरी जारी किए जाने से असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इसी परिप्रेक्ष्य में कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 और धारा 35ए को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। साथ ही, जम्मू-कश्मीर राज्य को जम्मू, कश्मीर और लद्दाख, कुल तीन भागों में विभक्त करने की भी अनौपचारिक चर्चा फिजाओं में गूंज रही है। सोशल मीडिया पर बहस-मुबाहिसों से पटा पड़ा है। उधर, गृह मंत्री अमित शाह के कश्मीर दौरे की भी खबर आ रही है। कहा जा रहा है कि संसद सत्र खत्म होते ही वह तीन दिन के कश्मीर दौरे पर जाएंगे। संसद का सत्र 7 अगस्त तक चलने वाला है। यानी, गृह मंत्री का कश्मीर दौरा 8 से 10 अगस्त तक का हो सकता है। सूत्रों की मानें तो शाह का यह दौरा जम्मू-कश्मीर में बीजेपी के सदस्यता अभियान और राज्य में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर हो रहा है। वह गृह मंत्री के रूप में राज्य के प्रशासनिक तंत्र को आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर दिशा-निर्देश देंगे। वहीं, बीजेपी अध्यक्ष के नाते अलग-अलग जिलों में पार्टी कार्यकर्ताओं की मीटिंग भी लेंगे। बाद में वह दो दिनों के जम्मू दौर पर भी जाएंगे। कहा जा रहा है कि शाह का कश्मीर दौरा विधानसभा चुनाव वाले राज्यों में उनके संभावित दौरों की ही एक कड़ी है। वह महाराष्ट्र और हरियाणा भी जाने वाले हैं। इन सबके बीच कश्मीर के नेताओं के अन्दर आर्टिकल 35A को लेकर स्पष्ट भय का महौल है।