एक रुपये में केस लड़कर इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) में भारत को जीत दिलाने वाले हरीश साल्वे को सोशल मीडिया जहां सैल्यूट कर रहा है वहीं पाकिस्तान की तरफ से लड़ने वाले खावर कुरैशी के खिलाफ पाक जनता में रोष है. सोशल मीडिया में उनकी काफी आलोचना हो रही है. उनकी इस बात के लिए बड़ी किरकरी हो रही है कि पाकिस्तान को अपना पक्ष रखने के लिए 90 मिनट का समय मिला था लेकिन खावर कुरैशी ने केवल 50 मिनट में ही अपनी दलील पूरी कर ली. इसके उलट भारत की तरफ से हरीश साल्वे ने जबर्दस्त ढंग से डेढ़ घंटे के समय में दमदार दलीलें देकर भारतीय पक्ष को खूबसूरती से पेश किया.
इस मामले में लंदन में रहने वाले पाकिस्तानी मूल के बैरिस्टर राशिद आलम ने पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट डॉन से कहा कि पाकिस्तान कमजोर तैयारी के साथ आईसीजे में पहुंचा और उसको अपना पक्ष रखने के लिए जो 90 मिनट का मौका मिला था, उसका सही ढंग से इस्तेमाल नहीं कर पाया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अपना पक्ष रखने के लिए 90 मिनट का समय था लेकिन उसने 40 मिनट बर्बाद कर दिए. उनके मुताबिक पाकिस्तान की तरफ से पेश खावर कुरैशी ने पूरे समय का इस्तेमाल नहीं किया और उपलब्ध समय का पूरा उपयोग ही नहीं कर सके.
कौन हैं खावर कुरैशी
पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश नागरिक खावर की गिनती बड़े अंतरराष्ट्रीय मामलों के बेहतरीन वकीलों में होती है. उनका आईसीजे से पुराना नाता है. 1993 में आईसीजे में वकालत करने वाले सबसे कम उम्र के वकील थे. खावर ब्रिटेन की इंग्लिश कोर्ट के सभी स्तरों पर वकालत कर चुके हैं. उनके नाम के साथ 2006 में क्वींस काउंसिल (QC) भी जुड़ा. ब्रिटेन में दिग्गज वकीलों को ही क्वींस काउंसल बनाया जाता है. ऐसे वकीलों को इंग्लैंड और वेल्स के कोर्ट रूम में वकालत करने का अधिकार मिलता है.
वह ब्रिटेन में सेरले कोर्ट के वरिष्ठ वकील हैं. सेरले कोर्ट यानी ब्रिटेन में वकीलों के चैंबर्स का एक ग्रुप है. यह ग्रुप बड़ी कंपनियों ओर देशों का केस लड़ता है. खावर करीब 60 देशों के खिलाफ केस लड़ चुके हैं. 2013 में उनको डिप्टी हाई कोर्ट जज भी नियुक्त किया गया. खावर वकालत के अलावा कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में कमर्शिलय लॉ पढ़ाने से लेकर कानून से जुड़े मुद्दों पर लिखते भी रहते हैं.