नई दिल्ली
गिरती इकॉनमी को लेकर लगातार विपक्ष के निशाने पर बनी केंद्र की मोदी सरकार के लिए दो मोर्चों पर राहत की खबर है। देश में इंडस्ट्रियल ग्रोथ अगस्त महीने में पांच महीने में सबसे तेज हो गई और खुदरा महंगाई दर सितंबर में स्थिर रही है। इससे मोदी सरकार को दोहरी खुशी मिली है। इन आंकड़ों से अर्थव्यवस्था के रिकवरी की उम्मीद बढ़ी है। जून तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ 5.7 पर्सेंट के साथ तीन साल में सबसे कम हो गई थी।
इसके बाद विपक्ष के अलावा खुद बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोल दिया था। अब यह नया डिवेलपमेंट सरकार के लिए सुकून देने वाला है। अगस्त में इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रॉडक्शन (आईआईपी) 4.3 पर्सेंट बढ़ा, जबकि जून में इसमें निगेटिव ग्रोथ हुई थी। वहीं, जुलाई में आईआईपी में 0.9 पर्सेंट की मजबूती आई थी। कन्ज्यूमर प्राइस इंडेक्स पर आधारित महंगाई दर सितंबर में 3.28 पर्सेंट रही, जो अगस्त के बराबर है। महंगाई दर का अनुमान 3.5 पर्सेंट और इंडस्ट्रियल ग्रोथ का एस्टिमेट 2.5 पर्सेंट था।
एक्सपर्ट्स ने इकनॉमिक रिकवरी के इन संकेतों का स्वागत किया है, लेकिन उनका कहना है कि इसे अभी टर्नअराउंड कहना ठीक नहीं होगा। उनके मुताबिक, इसके लिए कुछ महीने के डेटा देखने पड़ेंगे। ऐक्सिस बैंक के चीफ इकॉनमिस्ट सौगत भट्टाचार्य ने बताया, ‘ये शुरुआती संकेत हैं, जिनसे इकॉनमी को लेकर मायूसी दूर होगी। यह इकनॉमिक ऐक्टिविटी में टर्नअराउंड का सिग्नल लग रहा है।’ उन्होंने कहा कि प्राइमरी गुड्स और इलेक्ट्रिसिटी का इंडस्ट्रियल ग्रोथ की रिकवरी में बड़ा योगदान रहा है।